जेजेएम में 600 करोड़ के प्रोजेक्ट्स में धीमी रफ्तार,एसीएस ने फर्मों को दी चेतावनी
जेजेएम में 600 करोड़ के प्रोजेक्ट्स में धीमी रफ्तार को लेकर एसीएस ने फर्मों को चेतावनी दी.जैसलमेर के 207 करोड़ और बाड़मेर के 105 करोड़ के प्रोजेक्ट में लापरवाही बरतने पर जिम्मेदार फर्म विष्णु प्रकाश पुगलियां को चेतावनी दी है.
Jaipur: राजस्थान के जल जीवन मिशन में लापरवाह फर्मों पर सरकार शिकंजा कसेगी. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने लापरवाह फर्मों को चेतावनी दी है.पीएचईडी फर्मों के करीब 600 करोड़ के प्रोजेक्ट में रफ्तार धीमी रही,जिसके बाद एसीएस सुबोध अग्रवाल ने लापरवाही पर हिदायत देते हुए कहा है कि अप्रैल तक फर्में अपनी परफॉर्मेंस सुधार ले,नहीं तो इन फर्मों का काम दूसरी फर्मों को दिया जाएगा.
इन फर्मों पर गिरेगी गाज-
जैसलमेर के 207 करोड़ और बाड़मेर के 105 करोड़ के प्रोजेक्ट में लापरवाही बरतने पर जिम्मेदार फर्म विष्णु प्रकाश पुगलियां को चेतावनी दी है. फर्म जैसलमेर में 196 और बाड़मेर में 99 गांवों की परियोजनाओं में धीमी रफ्तार है. जैसलमेर में 33 प्रतिशत और बाड़मेर में सिर्फ 34 प्रतिशत प्रगति हुई है.इसके अलावा चित्तौड़गढ में देंवेद्र कंस्ट्रक्शन ने 60 करोड़ की योजना में सिर्फ 20 प्रतिशत काम पूरा किया है.वहीं जोधपुर के 51 करोड़ की परियोजना में जीओ मीटर एंड कंपनी 24 प्रतिशत,धौलपुर में कार्यरत जीसीकेसी ने 25 प्रगति की.
फर्म के पास 78.69 करोड रूपए की 94 गांव योजनाओं का काम है. इसके अलावा जुबेरी इंजीनियरिंग फर्म के पास कोटा में 73 करोड़ का प्रोजेक्ट है.
इंजीनियर्स ने पैमेंट रोका तो एक्शन-
केवल कॉन्ट्रैक्टर्स को ही एसीएस ने हिदायत नहीं दी,बल्कि इंजीनियर्स को चेतावनी दी है.यदि इंजीनियर्स ने फर्मों का बिल बेवजह रोका तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.इसके अलावा एसीएस का कहना था कि यदि इस साल शुरूआत से ही जेजेएम की रेस में तेज दौड़ते तो आज जल जीवन मिशन में राजस्थान की तस्वीर कुछ और ही होती.आखिरी के तीन महीने में जलदाय विभाग ने अच्छा काम किया.
नहरबंदी की तैयारियां पूरी
गर्मियों को देखते हुए आंतरिक रूप से नहरबंदी की जा चुकी है.लेकिन अप्रैल के आखिरी तक पूर्णतया नहरबंदी की जाएगी.इसके लिए इंजीनियर्स को तैयार रहने के निर्देश दिए है.
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