Rajasthan News: श्री बालाजी गौशाला संस्थान एवं विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति द्वारा जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया. प्रसंग सुनकर कई श्रोता भावुक हो गए. भरत प्रसंग सुनाते हुए रामभद्राचार्य ने कहा कि भरत जी निषाद राज से कहते है- हे मित्र मुझे अर्थ नहीं चाहिए धर्म नहीं चाहिए, काम या मनोवांछित विषय नहीं चाहिए. यहां तक की मुझे मोक्ष भी नहीं चाहिए. मुझे चाहिए क्या? मुझे जन्म चाहिए और जितनी बार जन्म लू सीताराम जी के चरण में मेरा प्रेम बना रहे. ऐसा त्याग देखकर कैकेयी का पासा पूरी तरीके से पलट गया. यहीं से भगवान राम को मनाने भरत चित्रकूट के लिए गए.


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उन्होंने कहा कि क्या लीला है भगवान की. चित्रकूट में आज भी भरत जी की सिसकन सुनाई देती है. भरत जी के आंसुओं से चित्रकूट में कई मनोरम झरने बन गए. हमारा भारत भरत का भारत है. यह सब देखकर निषाद राज समझ गए कि भरत जी राम जी से युद्ध करने तो नहीं जा रहे. उन्हीं में से एक वृद्ध ने कहा- कौन युद्ध करेगा, कैसे युद्ध होगा, कौन हारेगा, कौन जितेगा. भरत जी युद्ध करेंगे क्या! नहीं ऐसा कभी नहीं होगा. आज छोटी-छोटी जातियों में हमारे राजनेता समाज को बांट रहे है. मैंने कहा है सरकारों में अगर दम हो तो जाति के आधार पर आरक्षण बंद किया जाए. आर्थिक आधार पर आरक्षण हो अपने आप जाति प्रथा समाप्त हो जाएगा. कोई SC ST OBC नही सब हिंदू एक है, सब भारतीय एक है. आर्थिक आधार पर आरक्षण कर दो. देख लेना थोड़े दिनों के बाद यही होगा. तब यह जाति वाला गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा.



उन्होंने कहा कि अरे हमने सवर्ण में जन्म लेकर पाप किए है क्या? लेकिन सवर्ण का बालक शत प्रतिशत पाकर जूता सिलाई करे. SC का बालक 4 प्रतिशत पाकर के कलेक्टर बन जाए, कैसे चलेगा ये देश. प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए. सरकारें ऐसा कर सकती है तो करें. अभी नहीं तो थोड़े दिनों में ऐसा होगा ही यह जो मैं कहने जा रहा हूं. हमारे यहां हिंदुओं में कोई अस्पृश्य नहीं है. कोई अछूत नहीं है. चारों वर्ण भगवान की रचना है. ब्राह्मण भगवान का मुख है. क्षत्रिय भगवान की भुजा है. वैश्य भगवान की पलथी है. शूद्र भगवान का चरण है. आप बताओं शूद्र अपवित्र कैसे हो गया. हम किसी को प्रणाम करते है तो हम अपना माथा चरण पर लगाते है. हमारी सरकारें बोलती है पूज्य चरण. कोई पूज्य मुख नहीं बोलता. मैं सीधा प्रश्न करता हूं कर्मकांडियों से जब भगवान की चरण से निकलकर गंगा जी सबसे पवित्र नदी बन गई, तो ऐसे भगवान के चरण से प्रकट होकर शूद्र अछूत कैसे हो गया. वेदों को न पढ़ने के कारण सब बातें गलत गलत कही गई. हमारे आद्र रामानंदाचार्य जी ने 25 लाख हिंदूओं का एक साथ परिवर्तन किया था. मैं वर्तमान चतुर्थ रामानंदाचार्य हूं. मैं आचार्य चरण को वचन देता हूं गलता गददी के समक्ष, हम ऐसा कुछ यत्न करेंगे जिससे भारत में 80 प्रतिशत हिंदू हो जाएगा. तब सब कुछ ठीक हो जाएगा। सबका उपाय है. बहुत बच्चा पैदा करने की आवश्यकता नहीं है. सभी हमसे बिछुड़ गए. बिछुड़े हुए हिंदू वापस आएंगे. एक बार फिर हम सबको वापस लेकर आएंगे.



आजकल महिलाएं बाल कटवा रही है. यह गलत है. केशों की रक्षा के लिए भगवान केशव का अवतार हुआ था. जब जब भारतीय महिलाओं के केस पर अत्याचार हुआ तब तब भगवान का अवतार हुआ. रावण ने जब वेदवती का केस छुआ तब रामावतार हुआ. कंस ने जब देवकी का केस छुआ तब श्रीकृष्ण का अवतार हुआ. दुशासन ने जब द्रौपदी का केस खींचा तब भगवान का काला अवतार हुआ और महाभारत हो गया. आजकल तो महिलाएं कहती है जब केस के लिए भगवान आते है. जब केस रहेंगे ही नहीं तो भगवान भी नहीं आएंगे. यही हमारे भारत का आभूषण है. आज भी चित्रकूट में सीता जी के मंदाकिनी में केस धोने के बाद सुखाते हुए फट फट के आवाज सुनाई देते है.



आज भी सीताजी के चित्रकूट में दर्शन होते है. बार-बार मेरे से पूछा जाता है, आपको भगवान के दर्शन हुए है. मैं कह रहा हूं बिल्कुल मुझे दर्शन हुए है. इसलिए मैंने इंदिरा गांधी से भी कहा था अब मैंने रामजी को देख लिया मुझे इन आंखो से अब कुछ देखने की आवश्यकता नहीं है. मुझे जन्म तो भारत में ही चाहिए लेकिन आंख कभी नहीं चाहिए. आज भी भगवान के दर्शन चित्रकूट में होते है. इस दौरान उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, मंत्री मदन दिलावर, के के विश्नोई, राजेंद्र गहलोत, गौ सेवा प्रमुख दिनेश गिरी महाराज, हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य , कार्यक्रम संयोजक राजन शर्मा, श्री बालाजी गौशाला संस्थान अध्यक्ष रवि शंकर पुजारी, आयोजन समिति सचिव अनिल संत, जगदीश चौधरी, गोपेश शर्मा सहित हजारों भक्त उपस्थित रहे. 



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