Rajasthan News:परिवहन विभाग में इन दिनों मुख्यालय और फील्ड अधिकारियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. एक तरफ जहां मुख्यालय से फील्ड के अधिकारियों की गड़बड़ियों पर तुरंत एक्शन लेकर सख्ती का संदेश दिया जा रहा है वहीं फील्ड के अधिकारी इसे कार्मिकों का मनोबल गिरने से जोड़ रहे हैं


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परिवहन विभाग के 4 रीजन के प्रभारी अधिकारी यानी RTO बुधवार को जयपुर पहुंचे. यूं तो वे बैठक के सिलसिले में जयपुर आए, लेकिन एक साथ मिलकर उन्होंने परिवहन विभाग की सचिव और आयुक्त शुचि त्यागी को ज्ञापन सौंपा.



ज्ञापन में 18 मांगों के जरिए फील्ड के अधिकारियों ने अपनी परेशानियों को उठाया. राजस्थान परिवहन सेवा परिषद के अध्यक्ष अलवर आरटीओ सतीश चौधरी, महासचिव चित्तौड़गढ़ आरटीओ ज्ञानदेव विश्वकर्मा, पाली आरटीओ अर्जुन सिंह राठौड़ और अजमेर आरटीओ सुमन भाटी ने परिवहन सचिव से मुलाकात की.



इस दौरान सचिव ने सकारात्मक माहौल में परिषद के सदस्यों की सभी मांगों को सुना और उचित समाधान का आश्वासन दिया. परिषद के अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ समय से ऐसी स्थितियां बन गई हैं कि मुख्यालय उन्हें अपना विभागीय साथी नहीं मानता और अपेक्षित सहयोग नहीं करता. कई अवसरों पर यह देखा गया की फील्ड स्टाफ पर आरोप लगाते ही मुख्यालय द्वारा सीधे कार्रवाई कर दी जाती है, इसे लेकर परिषद के पदाधिकारियों ने पहले सुनवाई का अवसर दिए जाने की मांग की.



यह हैं परिषद की प्रमुख मांगें
परिषद ने कहा, सड़क दुर्घटनाओं में केवल निरीक्षकों को दोषी नहीं माना जाए
सेवा परिषद के अधिकारियों को अवकाश व मुख्यालय छोड़ने की अनुमति दी जाए
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक संचालन आरटीओ स्तर पर संभव नहीं, उचित समाधान निकाला जाए
अवैध खनन व परिवहन के मामलों में पुलिस, खान के संयुक्त दल द्वारा कार्रवाई की जाए
उड़नदस्तों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं आम, सम्बंधित का पक्ष लेने के बाद कार्रवाई हो
फिटनेस केन्द्रों पर गड़बड़ियां अधिक, आरटीओ की रिपोर्ट पर समय से कार्रवाई हो
वाहन 4.0, सारथी और ई-चालान पोर्टल पर पैंडेंस में तकनीकी गड़बड़ी दुरुस्त हों
मॉर्थ के रेगुलेशंस पर नियम शाखा से विस्तृत गाइडलाइन नहीं आती, दिशानिर्देश जारी हों
अनकम्पाउंड चालान को लेकर SOP जारी की जाए, NTBT भी सही समाधान नहीं

राजस्थान परिवहन सेवा परिषद ने बढ़ते सड़क हादसों को लेकर भी गहरी चिंता जाहिर की है. परिषद के पदाधिकारियों का कहना है कि परिवहन विभाग के निरीक्षकों पर पहले से ही वाहनों की जांच, पुरानी बकाया वसूली, राजस्व अर्जन और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों की यांत्रिक जांच का उत्तरदायित्व रहता है. ऐसे में सड़क सुरक्षा के लिए अलग से परिवहन उड़नदस्ते लगाए जाने चाहिए. अन्यथा हर दुर्घटना के लिए परिवहन निरीक्षक को दोषी मानना भी सही नहीं है.



यह मुद्दे भी परिवहन सेवा परिषद ने उठाए
ई-रवन्ना मामलों में वाहन मालिक को जुर्माने के लिए बाध्य नहीं कर सकते, दिशा निर्देश जारी हों
ईज ऑफ डूइंग के मामलों से राजस्व अर्जन कम हुआ, लक्ष्य प्राप्ति कठिन
फिटनेस केन्द्रों के निजीकरण, टीसीसी से मुक्ति, ई-आरसी, लाइसेंस से घटा राजस्व
टैक्स की दरें बढ़ाने से सैकंड हैंड कार बाजार का मार्केट भी कम हुआ
राजस्व लक्ष्य आवंटन तार्किक तरीके से हो, नॉन ओटीटी मानसिक यंत्रणा बना हुआ
मुख्यालय से वेतन स्थिरीकरण, एसीपी, समर्पित अवकाश के प्रकरण निस्तारित नहीं
वाहन डीलर के अधिकारों को सीमित किया जाए, पंजीयन अधिकार पर पुनर्विचार हो
वाहन चैकिंग प्रभावी बनाने के लिए सीजर यार्ड, वे-ब्रिज बनाए जाएं
सड़क हादसे रोकने के लिए रीजन स्तर पर कम से कम 2 उड़नदस्ते लगाए जाएं
जोधपुर आरटीओ द्वितीय के पद पर उचित निर्णय किए जाने की मांग

परिवहन सचिव शुचि त्यागी फील्ड अफसरों के मुद्दों को लेकर पहले से ही गंभीर हैं और वे समय-समय पर विभाग से जुड़े विभिन्न मुद्दों के प्रैक्टिकल समाधान करती रही हैं. ऐसे में राजस्थान परिवहन सेवा परिषद के सदस्यों को उम्मीद है कि जल्द ही उनके उठाए मुद्दों पर मुख्यालय स्तर से समाधान हो सकेगा.