Jaipur news: राजधानी जयपुर के सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र में हफ्ते में तीन दिन बिजली कटौती का विरोध जताते हुए JVVNL-AEN कार्यालय का घेराव किया. हजारों की संख्या में उद्योगपति, कर्मचारी मजदूर शांतिपूर्ण रूप से पैदल मार्च करते हुए सीतापुरा के JVVNL-AEN कार्यालय पहुंचकर एक्सईएन और एईएन को ज्ञापन देकर तीन दिन में समस्या दुरस्त करने की मांग की. यदि तीन दिवस में बिजली कटौती की समस्या दुरस्त नहीं होती है तो लाखों की संख्या में उद्योगपति, कर्मचारी मजदूर के साथ विधुत भवन मुख्यालय का घेराव किया जाएगा. क्योंकि प्रदेश में त्यौहारी सीजन के चलते बडी मात्रा में उत्पादन के ऑर्डर होते है.


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सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र—
राजधानी जयपुर के सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में करीब साढे़ 3 हजार से अधिक विभिन्न उत्पादकों के औद्योगिक संस्थान संचालित है. इन औद्योगिक संस्थानों में करीब 2 से ढ़ाई लाख कर्मचारी, मजदूर, कारीगर काम करते है. नवरात्र के बाद हिंदू धर्म का सबसे बडा पर्व दिपावली का त्यौहार आने से उत्पादन की मात्रा अधिक बढ जाने से औद्योगिक संस्थानों में कर्मचारी, मजदूर की मांग बढ जाती है. ऐसे में औद्योगिक संस्थानों में बिजली की कटौती करना बेईमानी करना है. 


इस बिजली कटौती की समस्या को लेकर सीतापुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अध्‍यक्ष नीलेश अग्रवाल ने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्यों द्वारा कई बार बिजली विभाग को कई बार ज्ञापन देकर समस्या दुरस्त करने की मांग की जा चुकी है,लेकिन हाल जस के तस बने हुए है. आज मजबूरन सभी सीतापुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पदाधिकारी, कर्मचारी और मजदूरों को रोड पर आना पड़ा आज एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा एक्सईएन और एईएन को ज्ञापन देकर 2 से 3 दिन में समस्या दुरस्त करे राहत देने का काम करें. वरना विधुत मुख्यालय भवन पर लाखों की संख्या में एसोसिएशन के पदाधिकारी,कर्मचारी और मजदूर द्वारा घेराव किया जाएगा,जिसकी जिम्मेदारी विधुत अधिकारियों और सरकार की होगी.


कर्मचारी और मजदूरों के पलायन का डर-
सीतापुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र में हफ्ते में तीन दिन बिजली कटौती के हालात ऐसे ही रहे तो मजदूरों का पलायन कर सकते है.प्रदेश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र है.यदि बिजली नहीं होगी तो औद्योगिक संस्थान कैसे चलेंगे.जब लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा तो पलायन करना एक रास्ता होगा.


जहां सरकार लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने की बात कहती है ऐसे में बिजली कटौती में सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र कैसे रोजगार उपलब्ध कराएगी. अब तो दिवाली का त्यौहार आ रहा है जहां कर्मचारियों को समय पर वेतन और दिवाली बोनस भी देने होता है ऐसे हालातों में कैसे होगा. सीतापुरा के औद्योगिक क्षेत्र से हर साल 2 लाख करोड रू से अधिक का सालाना टर्न ओवर बिजनैस होता है.


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सीतापुरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली विभाग द्वारा बिजली कटौती कर किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है. किसानों को भी बिजली दीजिए क्योंकि किसान भी हमारे देश का अन्नदाता है लेकिन सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में भी बिजली पूरी दी जाए क्योकि आर्थिक इकोनॉमी में सबसे बडा सहयोग मिलता है औद्योगिक क्षेत्र से सरकार को समय पर सबसे ज्यादा टैक्स दिया जाता है फिर भी बिजली की कटौती की समस्या क्यों. यदि बिजली कटौती की समस्या दुरस्त नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों को बंद कर विरोध जताया जाएगा.