Jaipur News: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर निजी चिकित्सकों का प्रदर्शन लगातार जारी है, इस बिल के कारण बुधवार को प्रदेश भर में मेडिकल सेवाएं बंद रहेगी. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के ओर से महाबंद का आह्वान किया गया है. राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर धनजय अग्रवाल ने बताया कि बंद में केवल ओपीडी का बहिष्कार रहेगा. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों और आईसीयू में भर्ती मरीजों को इलाज पूरा दिया जाएगा.


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प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों के समर्थन में अब सरकारी अस्पताल के सभी डॉक्टर भी एक दिन का कार्य बहिष्कार करने का एलान किया है. इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज के टीचर्स सहित सीनियर प्रोफेसर, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर रैंक की टीचर फेकल्टी शामिल है. ऐसे में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में परामर्श लेने में बाधा होगी, हांलाकि एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ( Dr Achal Sharme) कहना है कि मेडिकल कॉलेज से जुड़े प्रशासनिक सभी डॉक्टर्स ओपीडी समय में उपलब्ध होंगे, साथ ही कार्यबहिष्कार के दौरान भी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी और आईसीयू सेवाएं चालू रहेगी.


किसी भी सूरत में इस बिल को वापस नहीं लिया जाएगा- मंत्री मीणा
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ( Parsadi Lal Meena health minister ) ने एक बार फिर से साफ किया है कि चिकित्सकों के लिए वार्ता के द्वार खुले हैं लेकिन किसी भी सूरत में इस बिल को वापस नहीं लिया जाएगा. आमजन को निजी अस्पतालों में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध के कारण इलाज नहीं मिल रहा है तो वही दूसरी तरफ सरकारी चिकित्सकों ने इस विरोध का समर्थन करते हुए एक दिन का पूर्णतय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया.


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चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा
सरकार हड़ताल और जनता की तकलीफ को देखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव इकबाल ने बुधवार को आदेश जारी कर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज ( Medical College ) के प्राचार्यों को चिकत्सकों की छुटिया रद्द कर सभी डॉक्टर्स से वार्ता कर उनको काम पर लौटने और सभी चिकित्सक अन्य स्टॉफ के अवकाश निरस्त करने अस्पताल में हर दिन सभी मेडिकॉज की उपस्थिति की सूचना विभाग को भेजने और विशेष परिस्थिति में प्राचार्य की अनुमति से ही अवकाश देने के निर्देश दिए गए.


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