राजस्थान में उज्जवला योजना में शामिल होने वालों की कतार, LPG कनेक्शन का कर रहे इंतजार
Jaipur News: राजस्थान इस वर्तमान में 73 लाख 81 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत कनेक्शन ले रखे हैं. केन्द्र और राज्य सरकार ने जब से उज्ज्वला कनेक्शनधारियों को सिलेंडर पर छूट दी है, तब से इसके कनेक्शन लेने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है.
Jaipur News: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 1 लाख 33 हजार महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन के लिए इंतजार करना पड़ेगा. केंद्र सरकार का देशभर में उज्ज्वला 2.0 में 75 लाख कनेक्शन का टारगेट पूरा होने के बाद अब लंबित आवेदकों को नई स्वीकृति आने तक इंतजार करना होगा. प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार से मिल ही गैस सिलेंडर पर छूट के बाद इस योजना में आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है.
केन्द्र और राज्य सरकार से मिल रही रसोई गैस सिलेंडर पर छूट के बाद से राज्य में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) कनेक्शन लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. वर्तमान में पूरे प्रदेश में 1.33 लाख से ज्यादा परिवार ऐसे है, जिन्होंने इस कनेक्शन के लिए आवेदन कर रखा है और कनेक्शन का इंतजार है. एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान इस वर्तमान में 73 लाख 81 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत कनेक्शन ले रखे हैं. केन्द्र और राज्य सरकार ने जब से उज्ज्वला कनेक्शनधारियों को सिलेंडर पर छूट दी है, तब से इसके कनेक्शन लेने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है.
राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में आवेदन पीएमयूवाई के आवेदन लंबित है. इसमें सबसे ज्यादा आवेदन 14.35 लाख आवेदन पश्चिम बंगाल में है. वहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, असम ऐसे राज्य है जहां एक-एक लाख से ज्यादा आवेदन पेंडिंग है. तेल कंपनियो के अनुसार उज्जवला योजना के तहत पिछले छह माह में 3.51लाख कनेक्शन जारी किए गए हैं. दरअसल राजस्थान में भजनलाल सरकार अभी उज्ज्वला कनेक्शधारियों को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाती है. वहीं एक सामान्य उपभोक्ता को 806.50 रुपये में सिलेंडर मिलता है. केन्द्र सरकार पूरे देश में सभी उज्ज्वला कनेक्शनधारियों को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी देती है. राजस्थान में जिलेवार रिपोर्ट देखे तो अब तक सबसे ज्यादा उज्ज्वला कनेक्शन बाड़मेर जिले में है. बाड़मेर में इनकी संख्या 4 लाख 2 हजार से ज्यादा है. वहीं अलवर में इनकी संख्या 2.71 लाख से अधिक, भीलवाड़ा-बीकानेर में 2.67-2.67 लाख, बांसवाड़ा में 2.65 लाख, नागौर में 2.51 लाख है.
आजादी के सात दशक बाद भी अब तक कई परिवार खासकर गांवों में कई परिवार अब भी चूल्हों पर लकड़ी एवं केरोसीन आदि के माध्यम से धूएं में खपते हुए ही अपना रसोई का कार्य करते हैं. इससे महिलाएं कई श्वसन संबंधित बीमारियों से भी ग्रस्त होती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2016 में उज्ज्वला योजना लॉच की थी. इसके तहत गरीब और निम्न आय वर्ग से आने वाली महिलाओं को भी एलपीजी सिलेण्डर मय चूल्हा, गैस पाइप लाइन, रेग्यूलेटर आदि नि:शुल्क दिया जाता है लेकिन यह योजना निश्चित समय के लिए आई थी. फिर केन्द्र सरकार ने यह योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 02 के नाम से लॉन्च की, जिसमें देशभर में 75 लाख महिलाओं को कनेक्शन देने का टारगेट रखा गया लेकिन इस टारगेट को पूरा होने के बाद भी आवेदन लंबित चल रहे हैं.
गौरतलब हैं की अनुसूचित जाति परिवार, अनुसूचित जनजाति परिवार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अति पिछड़ा वर्ग (MBC), अन्त्योदय अन्न योजना (AAY), चाय और चाय बागान जनजातियां, बनवासी, द्विपों और नदी द्विपों में रहने वाले लोग, एस.ई.सी.सी. के परिवार (SBCC 2011) को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिया जाने का प्रावधान है.
बहरहाल, अब तक केंद्र और राज्य सरकार से छूट नहीं मिलने और महंगा सिलेंडर होने के चलते उज्जवला लाभार्थी रिफलिंग करवाने में कतराते थे लेकिन अब उज्जवला लाभार्थी 450 रुपये में रिफलिंग तो करवा ही रहे हैं. साथ में इस योजना में शामिल होने वालों की संख्या में बढोतरी हुई हैं हालांकि अभी 1.33 लाख उपभोक्ताओं को फ्री गैस कनेक्शन और सस्ते रिफलिंग का इंतजार हैं.