Jaipur News:परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में 1 अप्रैल से ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी ऑनलाइन मोड में देना शुरू कर दिया है. लेकिन केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई है. 


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केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय और राज्य के परिवहन विभाग के बीच नियमों को लेकर विवाद है.क्या है पूरे मामले में विवाद,क्या ई-डीएल और ई-आरसी सेवा हो सकती है बंद.राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत 1 अप्रैल से प्रदेशभर में स्मार्ट कार्ड के स्थान पर ई-डीएल और ई-आरसी की प्रक्रिया को लागू किया है. अब परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र स्मार्ट कार्ड पर जारी नहीं किए जा रहे हैं. 


इसके स्थान पर अब क्यूआर कोड युक्त लाइसेंस और आरसी ऑनलाइन फॉर्मेट में डाउनलोड कराए जा रहे हैं. हालांकि जो आवेदक पीवीसी कार्ड पर प्रिंट लेना चाहते हैं, उन्हें ई-मित्र से प्रिंट लेने की सुविधा भी दी गई है. परिवहन कार्यालयों में भी ई-मित्र प्लस मशीनों से पीवीसी कार्ड पर प्रिंट लेने का विकल्प दिया जा रहा है. लेकिन इस पूरी कवायद पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने आपत्ति जताई है. 


निर्धारित फॉर्मेट में चिपयुक्त स्मार्ट कार्ड पर ही लाइसेंस या आरसी दिए जाने का हवाला केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिया है. हालांकि राज्य के परिवहन विभाग ने इन आपत्तियों को दरकिनार किया है. परिवहन विभाग का कहना है कि उनकी ओर से जारी किए जा रहे लाइसेंस और आरसी ई-फॉर्मेट में नियमानुसार ही जारी किए जा रहे हैं.



राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने ई-डीएल और ई-आरसी का फैसला लागू करने के पीछे इन तमाम नियमों का हवाला दिया है. इसके साथ ही यह भी कहा है कि 1 जनवरी 2022 से उड़ीसा राज्य में इसकी शुरुआत की जा चुकी है. इसके अलावा असम, कर्नाटक, तेलंगाना में भी इसे सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है. परिवहन विभाग के इस निर्णय से परिवहन कार्यालयों में पारदर्शिता पूर्वक एवं त्वरित कार्य निस्तारण हो रहा है. ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया का लाभ आमजन को मिल पा रहा है. 


इस पूरी कवायद से न केवल स्मार्ट कार्ड की फीस के लगने वाले 200 रुपए की बचत हुई है, बल्कि लाइसेंस-आरसी क्यूआर कोड युक्त होने से अपडेशन भी बेहतर हो सकेगा.


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