Jaipur News: मुहाना सब्जी मंडी में गर्मी और बरसात में बिना डोम के सब्जियां हो रही खराब
Jaipur News: मुहाना में मंडी स्थानांतरित होने के 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सब्जी मंडी ब्लॉक डोम युक्त नहीं हुए. सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते सब्जी मंडी व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है.
Jaipur News: मुहाना मंडी एशिया की सबसे बड़ी कृषि जींसों का क्रय-विक्रय एवं भंडारण करने वाली मंडी है. मुहाना मंडी में सब्जी,फल,और आलू प्याज़ थोक विक्रेता का मंडी काम कर रही हैं. रोज हजारों की संख्या में यहाँ किसान,व्यापारी,मजदूर,फल-सब्जी दुकानदार,ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों का आवागमन है.
फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना मंडी जयपुर के अध्यक्ष योगेश तंवर ने सरकार से मांग करते हुए बताया कि मुहाना मंडी में सबसे बड़ी समस्या डोम की हो रही है. वर्तमान में मुहाना मंडी स्थित ओम तंवर सब्जी ब्लॉक C को छोड़, आलू–प्याज़ ब्लॉक A एवं फल ब्लॉक B की दुकानें पूरी तरह डोम सहित हैं. मंडी के कुछ ब्लॉक में डोम न लगने से व्यापारी और ग्राहक दोनों को सर्दी-गर्मी, बरसात में खुले में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं डोम नहीं होने से सर्दी,गर्मी व बरसात से सब्जियाँ खराब होती है. मंडी की कुछ दुकानों पर डोम न लग पाने के कारण कई दुकानें आज तक बंद पड़ी है. सालो से उनमें व्यापार शुरू ही नहीं हो पाया. यदि डोम लग जाये तो व्यापारियों के साथ साथ मंडी का राजस्व भी बढेगा. 2008 में लाल कोठी से मुहाना में मंडी स्थानांतरित होने के 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सब्जी मंडी ब्लॉक डोम युक्त नहीं हुआ. वर्तमान में सब्जी ब्लॉक C को 7 नए डोम लगने की आवश्यकता है.
आपको बता दें सन 2008 में मंडी लालकोठी से स्थानांतरित होकर मुहाना सांगानेर की गई थी. लालकोठी से पहले छोटी छोटी मंडियाँ अस्तित्व में थी. जयपुर शहर में जैसे सांगानेरी गेट,अजमेरी गेट और जौहरी बाज़ार इन सबको समायोजित करके 1987 में लालकोठी मंडी का निर्माण किया गया था. जैसे-जैसे शहर की जनसंख्या बढ़ी शहर का विस्तार हुआ वैसे ही सरकार ने मंडी को बडे रूप में बढाने का काम किया. साथ ही मुहाना मंडी का टर्नओवर बढ़ता गया और निरन्तर बढ़ ही रहा है.
सुनने में यह बड़ा गर्व महसूस होता हैं की एशिया की सबसे बड़ी मंडी हमारे देश में है वह भी राजस्थान राज्य में स्थित है. लेकिन सरकार व प्रशासन की अनदेखी के चलते समय के साथ-साथ मंडी में सुविधाओं व मूलभूत प्रशासनिक ढांचे का विकास नहीं हुआ है.