Jaipur News: नर्क की जिंदगी जी रहे है जोधपुरा के ग्रामवासी,आज इन ग्रामवासियों की सुनने वाला कोई नहीं है. आज ये ग्रामवासी नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर है.जोधपुरा के ग्रामवासी न्याय के लिए पिछले 407 दिन से धरने पर बैठे है लेकिन इनको न्याय नहीं मिला जबकी सरकार भी बदल गई और जिला भी बदल गया लेकिन नहीं बदली तो इनकी जिंदगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ग्रामीणों का आरोप है मोहनपुरा जोधपुरा गाँव मे अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन की तानासाही इस कदर है, जो अपने प्रभाव व ताकत से सरकार व प्रसाशन को अपनी मुट्ठी मे रखता है.तभी तो आज तक इन ग्रामवासियों को कोई न्याय नहीं मिला और अब आखिर मे ग्रामवासियो ने मीडिया का सहारा लिया. इनके हालात बद से बत्तर नजर आये.


2006,7 मे ग्रासिम सीमेंट फैक्ट्री के नाम से कम्पनी कुजेता ग्राम पंचायत के गाँव मोहनपूरा जोधपुरा मे स्थापित हुई थी जो आज अल्ट्राटेक सीमेंट के नाम से जानी जाती है.तब इस कम्पनी ने ग्रामवासियो से बड़े बड़े वादे किये थे सभी सुख सुविधायों सहित पुनर्वास करने को कहा था जिसमे बिजली पानी सड़के शिक्षा चिकित्सा जैसी मुलभुत सुविधाएं देनी थी लेकिन जैसे-जैसे प्लांट स्थापित हुआ वैसे-वैसे ही कम्पनी प्रबंधन अपनी तनासाही पर उतर आया.मोहनपुरा गाँव के लोगों का तो पुनर्वास कर दिया लेकिन कुजेता व जोधपुरा गांव के लोगो का पुनर्वास नहीं किया.


जबकी दोनों गांव एक ही राजस्व क्षेणी में है.केवल कागजो मे इन गाँवों को पुनर्वास दिखा रखा है.जबकी धरातल पर हकीकत कुछ और है.


ग्रामीणों का कहना है हम पिछले डेढ़ साल मे हर जगह गुहार लगा चुके हैं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत जयपुर जिला कलेक्टर नवघटित जिला कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर व SP तक कह चुके हैं कई ज्ञापन दे चुके हैं.लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई बीच मे देश की विख्यायत समाज सेवी मेघापाटेकर के साथ कम्पनी प्रबंधन से भी मिले तब कम्पनी प्रबंधन ने आश्वस्त किया था.


 रात को ब्लास्टिंग नहीं की जायेगी साथ ही सभी मापदंडों के अनुसार कार्य किया जायेगा लेकिन कम्पनी ने लिखित मे कोई आश्वाशन नहीं दिया.फिर से वो ही मनमर्जी व तनाशाह रेवया अपनाते असवेधानिक तरीके से काम शुरू कर दिया. आज ग्रामीण धूल मिट्टी डस्ट प्रदूषण से बीमारी हो रहे है.ग्रामीणों के दमा, एलर्जी आँखो मे जलन, स्किन रोग, व सिलोकोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो रहे है.ग्रामीण महिलाओ का कहना है या तो हमें न्याय मिल जाये नहीं तो हम इसी धरने पर अपने प्राण देंगे लेकिन जब तक न्याय नहीं मिले तब तक धरना समाप्त नहीं किया जायेगा.


ग्रामीणों की समस्या को लेकर जी मीडिया की टीम जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल से मिली तो अभी हाल मे नव पद स्थापित कलेक्टर का कहना अभी इस मामले की जानकारी नहीं बताई वही ADM योगेश कुमार ने भी पुरे मामले की जानकारी होना नहीं बताया SDM मुकुट चौधरी ने फिल्ड होने को कह कर मना कर दिया आखिर मे तहसीलदार सौरभ गुर्जर ने मामले मे कहा धरने व समस्या के बारे मे एक कमेटी घटित कर जाँच करवा दी गई जो जयपुर जिला कलेक्टर के पास जाँच गई हुई.


लेकिन अभी नवगठित जिला होने पर अब जाँच कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर करेंगी अभी जयपुर जिला कलेक्टर के यहां से पत्रावली नहीं आई जैसे ही पत्रावली आयेगी जाँच उस पर काम किया जायेगा.हालाकी मानवी दृष्टिकोण के चलते तहसीलदार ने माना कम्पनी प्रबंधन को इस और ध्यान देना चाहिए और जो भी वाजिब मांग या समस्या उसका निराकरण करना चाहिए.


इस संदर्भ मे जी मीडिया की टीम ने अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन से सम्पर्क किया तो कैमरे के सामने बोलने को मना कर दिया बल्कि ये कहा मीडिया से बात करने के लिए मुंबई हैड ऑफिस सम्पर्क करना पड़ेगा.कम्पनी प्रबंधन ने इस संर्दभ कुछ भी बोलने से मना कर दिया.


जिस तरह साल दर साल बीतते जा रहे है वैसे अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन अपनी तानासाही ज्यादा करती नजर आ रहीं है लेकिन इसकी तानासाही पर आज तक किसी ने भी अंकुश नहीं लगाया अब देखना होगा इस इस कम्पनी की तानासाही इसी प्रकार चलेगी या फिर राज या प्रसाशन इस पर कोई कार्रवाई कर पायेगा.


Reporter- AMIT YADAV


ये भी पढ़ें- success story: शेखावाटी के ये दो स्टार बनें क्लाउड सिक्योरिटी के शरताज, 12वीं तक नहीं देखा था कंप्यूटर और अब..