Jaipur News:प्रदेश में चुनावी आचार संहिता हटने के बाद अधिकारी कामकाज को गति देने में जुटे.हाल ही में मुख्य सचिव सुधांश पंत ने महिला एवं बाल विकास की रिव्यू मीटिंग में कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मांगा.


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इसके बाद  महिला एवं बाल विकास विभाग एक्शन मोड पर आया और कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में जुटे.महिला एवं बाल विकास के अधिकारी आंगनबाडियों की सुध लेने क्षेत्र में दौड लगा रहे.



आंगनबाडियों की तस्वीर बदलेगी
सीएस की रिव्यू मीटिंग के बाद आईसीडीएस के निदेशक ने जिला अधिकारियों को आंगनबाडियों की सुविधाओं की स्थिति और पोषाहार वितरण का रिपोर्ट कार्ड देने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए.


प्रदेश के जिला अधिकारी सीडीपीओ समेत अन्य अधिकारी आंगनबाडी केंद्रों में बिजली,पानी,शौचालय स्थिति का जायजा लेने अधिकारी क्षेत्र में दौड लाग रहे है.वहीं सीएस ने आंगनबाडियों पर पौधारोपण करने और मासूम बच्चों को पौधारोपण के फायदों की जानकादी देने के निर्देश जारी किए.



महिला एवं बाल विकास के निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि प्रदेश में करीब 65  हज़ार आंगनबाडी केंद्र  संचालित है,जो की केंद्र—राज्य सरकार की योजनाओं से महिलाओं और बच्चों को लाभांवित करने का काम कर रही है.भीषण गर्मी के चलते मासूम बच्चों को पोषाहार घर घर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा.


सीएस की रिव्यू मीटिंग के बाद सभी आंगनबाडी में  बिजली,पानी,पोषाहार,पौधरोपण और शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के तहत विकसित किए जा रहे है.साथ ही करीब 360 आदर्श आंगनबाडी भी विकसित की जा रही है.


महिला एवं बाल विकास के निदेशक ओपी बुनकर ने बताया की सभी सीडीपीओ को तीन दिन का समय दिया गया है.तीन दिन के समय अंतराल में आंगनबाडियों के स्थिति और कामकाज व पोषाहार वितरण की रिपोर्ट मुख्यालय में पेश करे.


बुनकर ने बताया कि आंगनबाडियों को सक्षम बनाने के लिए विभाग प्रयासरत है.अब देखने वाली बात होगी कि सीएस की मीटिंग के बाद विभाग का एक्शन प्लान जल्द ही धरातल पर क्या नजर आएगा और प्रदेश की आंगनबाडियों की तस्वीर बदलेगी.


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