Jaipur News: मरुधरा के गांवों में विकास की रफ्तार एक बार फिर से थम गई है. क्योंकि केंद्र और राज्य मद से पंचायतों का बजट अटक गया है. राजस्थान की 11,341 ग्राम पंचायतों में करीब 7 हजार करोड का बजट जारी नहीं किया है. पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने दीपावली से पहले राज्य मद से आधा बजट जारी करने का वादा सरपंचों से किया था, लेकिन दावा पूरा नहीं होने से सरपंचों में आक्रोश है. दिलावर ने कहा था कि जल्द ही बजट जारी किया जाएगा. लेकिन दीपावली के बाद भी पंचायतों में बजट जारी नहीं हुआ.जिस कारण अब विकास के रफ्तार थम गई है.

 

पंचायतीराज विभाग ने 2023 के राज्य वित्त आयोग का 300 करोड और मनरेगा मैटेरियल के 370 करोड जारी किए थे. अभी तक विभाग ने 670 करोड ही जारी हुआ. जबकि 2023-24 का 2900 करोड का बजट अटका हुआ है. वहीं केंद्रीय वित्त आयोग इस साल की 1450 करोड और मनरेगा मैटेरियल के 2200 करोड अटका हुए है. हालांकि बताया जा रहा है कि मनरेगा मैटेरियल के अटके 2200 करोड इसी महीने जारी हो सकते है.

 

अटके हुए बजट के बीच अब पंचायतों में संरपचों के कार्यकाल बढाने को लेकर भी सुगबुगाहट भी तेज हो गई है. राज्य में करीब 40 प्रतिशत यानि 6759 सरपंचों का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा हो रहा है. ऐसे में सरकार आगामी केबिनेट में सरपंचों का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढा सकती है. लेकिन बिना बजट से सरपंच काम नहीं कर पा रहे.