Jaipur News: प्रदेश में जल संरक्षण और हरियाली को बढ़ाने के उद्देश्य से जलदाय महकमे में पेड़ लगाने का अभियान शुरू हो गया है. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जलभवन से पेड़ लगाकर इसकी शुरूआत की.इसके साथ एक्सपर्ट के साथ भूजल संकट और वर्षा जल संग्रहण को लेकर चर्चा हुई.


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जलसंकट पर मंथन-


राजस्थान में भूजल संकट के साथ साथ सतही पानी तेजी से घटता जा रहा है. इस संकट की स्थिति से निपटने के लिए जलदाय मुख्यालय में विशेषज्ञों के साथ मंथन हुआ. भूजल और पानी के संकट पर जी मीडिया की खबर को प्रमुखता से दिखाया गया और मंथन हुआ.इससे पहले मुख्य सचिव सुधांश पंत की मीटिंग में भी जी मीडिया खबर को दिखाया गया था. इस वर्कशॉप में राज्य में गिरते हुए भूजल स्तर,पेयजल गुणवत्ता, जल सुरक्षा, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और वृक्षारोपण कार्यों की राज्य स्तरीय कार्य-योजना तैयार करने को लेकर चिंतन किया गया.राजस्थान में करीब 71 प्रतिशत ब्लॉक डार्क जोन में चले गए है.


सचिव खुद के घर से लेकर आए पौधे


इसके अलावा जलदाय मंत्री ने नीर निधि निर्माण के तहत वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया.पर्यावरण को बचाने के लिए जलदाय विभाग के हर दफ्तर में 1 लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे.ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके.जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी का कहना है कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में लगभग 500 छायादार और फलदार पौधे लगाए गए.पौधारोपण में जलदाय सचिव समित शर्मा एक बार फिर से चर्चा में आए,क्योंकि वे खुद के घर से पौधे लेकर जल भवन पहुंचे.


एक ही सिक्के के दो पहलू-


अब ऐसे में देखना होगा कि जलदाय विभाग की पर्यावरण बचाने की ये पहल कितनी साकार हो पाएगी,क्योंकि पानी और पर्यावरण एक ही सिक्के के दो पहलू है.