Jaipur, Sahpura News:  क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना के तहत करवाए जा रहे विभिन्न कार्यो में जलदाय विभाग व ठेकेदारों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्यो में हो रहे देरी से आमजन को समय पर पेयजलापूर्ति नहीं हो पा रही है. साथ ही टंकी निर्माण कार्य मे घटिया सामग्री के उपयोग का भी आरोप लगाये जा रहे है. हाल ही में विराटनगर इलाके में टंकी निर्माण कार्य के दौरान 2 हादसे भी हुए है. हादसों में एक मजदूर की मौत हुई है जबकि एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया था.


राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाये 


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जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने भी जल जीवन मिशन योजना में अधिकारियों व ठेकेदारों पर मिलीभगत व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में जल जीवन मिशन योजना के तहत 4 ब्लॉक(कोटपुतली, शाहपुरा, विराटनगर व पावटा) के 358 गांव शामिल है. कोटपुतली में 90, शाहपुरा में 78, विराटनगर में 120 व पावटा में 67 है. योजना के तहत अब तक 336 गांवों में काम शुरू हो चुका है. साथ 22 गांवों के लिए वर्क ऑर्डर 1 जून तक जारी हो जाएंगे. गोविन्दगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के 19 गांव जुड़े है. जहां भी कई जगह काम शुरू हो चुका है. विभिन्न स्थानों पर योजना के तहत चल रहे टंकी निर्माण कार्य मे बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है.


 बिना सुरक्षा संसाधनों के मजदूर कर रहे काम


टंकी निर्माण कार्य के दौरान बिना सुरक्षा संसाधनों के मजदूर कार्य कर रहे है. बिना सुरक्षा संसाधनों के ऊंचाई पर चढ़कर काम करने से मजदूरों की जान हमेशा खतरे में रहती है. निर्माण कार्य के दौरान जलदाय विभाग के अधिकारी व ठेकेदार मौके पर जाते भी है लेकिन सुरक्षा के उपायों के प्रति वे उदासीन नजर आ रहे है. हाल ही में विराटनगर के साईवाड़ गांव में टंकी निर्माण के दौरान सीढियां टूटने से एक मजदूर की मौत हो गई थी. इसके अलावा जवानपुरा गांव में भी सीढियां टूटने से मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया था. इसके बावजूद जिम्मेदार मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. क्षेत्र में हुए हादसों के बाद टंकी निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे है.


 विराटनगर के साईवाड़ गांव में हुई थी मजदूर की मौत


जयपुर ग्रामीण सांसद राठौड़ समेत अन्य ग्रामीणों ने योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. क्षेत्र में 2 हादसों के बाद अधिकरियों की नींद टूटी और काम को रूकवा दिया है. जयपुर से आई MNIT की टीम ने दोनों स्थानो पर से निर्माण सामग्री के सेंपल भी लिए है, जिनकी रिपोर्टर आना बाकी है, हालांकि अधिकारी हादसों के पीछे शटरिंग लूज होने व गीली होने को कारण बता रहे है. अब जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की बात कह रहे है.


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सवाल यह है कि निर्माण कार्य से पहले मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल क्यों नही रखा जाता और निर्माण सामग्री की लैब से जांच क्यों नहीं करवाई जाती है. अगर समय रहते उचित जांच कर कार्रवाई की जाये तो बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती है.