Jaipur: अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-8 ने बैंक के चैक पर ग्राहक के फर्जी साइन कर रुपए निकालने वाले अभियुक्त रामगोपाल अग्रवाल को पांच साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सीकर निवासी इस अभियुक्त पर दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.


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बैंक के चेक पर फर्जी हस्ताक्षर
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि एसबीआई कंवर नगर के लेखपाल ने 26 जुलाई 2007 को पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि सुबह करीब 11 बजे रामप्रकाश सैनी के हस्ताक्षर शुदा एक चेक पांच हजार रुपए का भुगतान करने के लिए बैंक में पेश किया गया. इस पर बैंक के कैशियर ने चेक लाने वाले अभियुक्त से पूछा कि यह चेक किसका है. इस पर अभियुक्त ने कहा कि वह रामप्रकाश है और चेक उसी का है. रिपोर्ट में कहा गया कि कैशियर रामप्रकाश सैनी को व्यक्तिगत रूप से जानता है, इसलिए उसने अभियुक्त को अपने पास बुलाया.


इस पर अभियुक्त बैंक से बाहर भाग गया. वहीं बैंक कर्मचारियों ने सड़क पर अभियुक्त को पकड़ लिया. अभियुक्त ने बताया कि वह बैंक से धोखे से चेक बुक हासिल कर खाताधारकों के साइन कर रुपए निकालता है. अभियुक्त के कब्जे से अन्य बैंकों के खाली चेक और खाता धारकों के नामों की पर्ची बरामद हुई.


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गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए माणक चौक थाना पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है और उसे मामले में फंसाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने माना कि अभियुक्त ने ठगी करने के लिए बैंक के चेक पर फर्जी हस्ताक्षर किए थे. इसलिए अभियुक्त को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोषी मानकर उसे सजा सुनाई जा रही है.


Reporter- Mahesh Pareek