Jaipur : PHED में शाहपुरा डिवीजन बना घोटालों का गढ़, अब बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म का क्वालिटी से खिलवाड़
राजस्थान में PHED के क्वालिटी कंट्रोल की जांच में अहम खुलासा हुआ है. जिसमें बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म ने फर्जी बिल बनाकर लाखों का पैमेंट तो उठाया ही,इसके साथ साथ क्वालिटी से भी जमकर खिलवाड़ किया.
Jaipur News : PHED में शाहपुरा डिवीजन घोटालों का गढ़ बन गया है. जल जीवन मिशन में पदमचंद और महेश मित्तल के साथ साथ दूसरी फर्मों में भी जमकर अनियमित्ताएं की.
PHED के क्वालिटी कंट्रोल की जांच में अहम खुलासा हुआ है. जिसमें बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म ने फर्जी बिल बनाकर लाखों का पैमेंट तो उठाया ही,इसके साथ साथ क्वालिटी से भी जमकर खिलवाड़ किया.
20 करोड़ टैंडर में गड़बड़ी
PHED में शाहपुरा डिवीजन बना घोटालों का गढ...एक के बाद एक फर्मों की जांच में खुल रही पोल...! शाहपुरा डिवीजन में पदमचंद और महेश मित्तल की फर्म गणपति-श्रीश्याम ट्यूबवेल फर्म के करोड़ों के घोटालों किसी से छिपे नहीं है, लेकिन इस डिवीजन में ही दूसरी फर्मों ने भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोडी.
अबकी बार बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म के घोटालों का मामला सामने आया. जिसमें 20 करोड़ 93 लाख के टैंडर में भारी अनियमित्ताएं पाई गई. क्वालिटी कंट्रोल टीम की जांच में जगह जगह गड़बड़ी सामने आई है. बिना क्यूएपी,इंस्पेक्शन के ही फर्म ने काम शुरू कर दिया था. इसके अलावा पाइप लाइन की गहराई कम पाई गई और भुगतान पूरा कर दिया.
फर्जी बिल बनाकर उठाए पैमेंट
बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म ने केवल कार्यों में ही गड़बड़ी नहीं की,बल्कि कागजों में भी जमकर हेराफेरी की.बालाजी कंस्ट्रक्शन ने भगवती पाइप कंपनी के नाम से लाखों के फर्जी बिल बनाकर पैमेंट उठाया. बिलों में ई-इन्वोइस नंबर गायब था, जबकि ओरिजनल बिल में ई-इन्वोइस का स्कैनर है. जब क्वालिटी कंट्रोल ने बिलों की जांच की तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया.
डिवीजन में पाइप लाइन बिछाने का रिकॉर्ड ही गायब है.हाल ही में जेजेएम एमडी बचनेश कुमार ने एमबी गायब होने को लेकर सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन यहां तो फाइले ही गायब है. अब जांच टीम ने रिपोर्ट क्वालिटी कंट्रोल चीफ इंजीनियर आरके मीणा को भेज दी है.
अब जल्द ही जलदाय विभाग इस फर्म पर कार्रवाई कर सकता है.फर्म के खिलाफ फ्रॉड को लेकर मुकदमा भी दर्ज करवाया जा सकता है.
और भी फर्मों की जांच हुई
शाहपुरा में केवल बालाजी कंस्ट्रक्शन फर्म ने ही गडबडी नहीं की,बल्कि दूसरी फर्मों की जांच हुई, जिसमें और अधिक खुलासे हो सकते है. तभी शाहपुरा डिवीजन घोटालों का गढ़ बन गया है.क्योंकि यहां एक, दो फर्मों में घोटाले नहीं किए, बल्कि बहुत सी फर्मों ने जमकर भ्रष्टाचार किया.