Population Control Law Campaign, Jaipur News: देश में अनियंत्रित रूप से बढ़ रही जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार हम दो,  हमारे दो, सबके दो का कानून बनाएं और इसे सख्ती से लागू करें। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन कानून बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को 15 करोड़ लोगों के  हस्ताक्षर सौंपेगा. फाउंडेशन का मानना है कि तेजी से बढ़ रही जनसंख्या को नहीं रोका गया तो सामाजिक, आर्थिक, बेरोजगारी,  प्रदूषण, स्वास्थ्य, आवास एवं भोजन से संबंधित समस्याएं विकराल हो जाएगी.  


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जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण बैराठी ने जयपुर में प्रेसवार्ता में कहा कि भारत अब आबादी के मामले में विश्व में पहले पायदान पर पहुंच गया है। विश्व की लगभग 17.7% जनसंख्या भारत में रहती है. भारत का भूभाग विश्व के कुल भूभाग का लगभग 2. 4% है, जिसका उपयोग सब भारतीयों के लिए समान रूप से होना चाहिए. धार्मिक कट्टरता के कारण षड्यंत्र पूर्वक असीमित रूप से बढ़ती हुई जनसंख्या से सामाजिक, आर्थिक, प्रदूषण, स्वास्थ्य, आवास एवं भोजन से संबंधित समस्याएं तेजी से बढ़ेंगी. इसके साथ ही राजस्थान सहित कई प्रदेशों में बेरोजगारी बढ़ रही है. राजस्थान में करीब 62 लाख बेरोजगार हैं. 

बैराठी ने कहा कि जनसंख्या कानून बनाने के लिए 23 सितम्बर तक 15 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे. अब तक करीब चार करोड़ लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं. राजस्थान के साथ ही देशभर में अभियान चलाया जा रहा है. लोगों के  हस्ताक्षर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे ताकि उन पर कानून बनाने का दबाव बनें.


इसी तरह 11 जुलाई को अंतराष्ट्रीय विश्व जनसंख्या दिवस पर फाउंडेशन की ओर से देशभर में जिला मुख्यालयों पर धरना  प्रदर्शन किए जाएंगे।  प्रदर्शन के बाद कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.

बैराठी ने कहा कि चिंता का विषय यह भी है कि कई राज्यों में एक पंथ विशेष की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, भारत एक लोकतांत्रिक देश होने के कारण यहां पर हर कानून  जन भावना के आधर पर बनाया जाता है. इसके अलावा जिस प्रकार से राज्य सरकारें देश में आमजन के लिए प्रतिदिन की आवश्यकता की वस्तुओं जो सीमित मात्रा में उपलब्ध है जैसे खाद्यान्न,आवास, बिजली, पानी जिन पर सबका समान अधिकार है जिसको अपने वोट बैंक के लिए मुफ्त की रेवड़ी समझकर बिना जिम्मेदारी के बाटें जा रही हैं जिसके कारण देश और राज्य पर बड़ा भार बढता जा रहा है और इसके कारण देश का जिम्मेदार वर्ग उन आवश्यक सुविधाओं से दूर होता जा रहा है.


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फाउंडेशन के संरक्षक पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि इसी प्रकार असीमित जनसंख्या धार्मिक कट्टरता   कारण बढ़ती रही तो आने वाले समय में देश में गृह युद्ध जैसी समस्याएं हो जाएंगे। देश के  कश्मीर,केरल, आसाम, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के उदाहरण हमारे सामने है. असम, उत्तर प्रदेश जैसी राज्य सरकारें इस पर नियंत्रण लगाने जा रही है. इनसे सबक लेकर दूसरे राज्यों को भी कानून बनाना चाहिए.
 
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के संगठन मंत्री अटल खंडेलवाल ने कहा कि फाउंडेशन राज्य सरकारों से मांग करती है कि वह इस समस्या को रोकने के लिए देश व राज्यों में प्रभावी कानून बनाएं जो लोग 2 बच्चे पैदा करने के नियम का उल्लंघन करते हैं उनको सरकार में नौकरी, वोट के अधिकार, चुनाव लडने के अधिकार एवं अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित रखा जाए.