Rajasthan News: राजस्थान एसीबी टीम ने प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा  किया है. इसमें  एक सरकारी कर्मचारी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे थे.  


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 फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए एसीबी डीआईजी डॉ.रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के जरिए एसीबी को सूत्र सूचना प्राप्त हुई थी की ऑर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी की बिना बैठक के प्रदेश में कई निजी अस्पताल ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं. इस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और EHCC अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी को गिरफ्तार किया. ये दोनों  70 हजार रुपए की रिश्वत राशि का लेनदेन करते हुए तीन फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट के साथ रंगे हाथ पकड़ा.


100 से अधिक फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट बरामद
 एसीबी की गिरफ्त में आने के बाद  दोनों आरोपियों के आवास और कार्यालय में एसीबी की टीम ने सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान गौरव सिंह के ठिकानों से 100 से अधिक फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट बरामद किए गए. अधिकतर सर्टिफिकेट्स में मरीज की फोटो और उसकी सारी जानकारी लिखी हुई मिली. तो  कई सर्टिफिकेट बिना मोहर लगे और साइन के भी मिले.  इसके साथ ही एसीबी ने आरोपियों के ठिकानों से विभिन्न दस्तावेजों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस, लैपटॉप, कंप्यूटर, सीपीयू व अन्य उपकरण भी बरामद किए. आरोपियों की निशानदेही पर एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए आज फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया.


आरोपियों को  4 दिन की रिमांड पर भेजा
वहीं तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी ने मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया. जहां से उन्हें 4 दिन की रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया गया. इसके बाद अब एसीबी 4 अप्रैल को तीनों आरोपियों को कोर्ट फिर से कोर्ट में पेश करेगी.


 35 हजार रुपए प्रति फर्जी एनओसी 
बता दें कि मामले की प्रारंभिक जांच में अब तक यह सामने आया है कि, बिना कमेटी की बैठक के 35 हजार रुपए प्रति फर्जी एनओसी निजी अस्पतालों से वसूले जा रहे थे. एसीबी के जरिए कार्रवाई करते हुए, जिन फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट को बरामद किया गया हैं, उसमें नेपाल, बांग्लादेश सहित कई देश के नागरिकों के नाम लिखे हुए हैं.


बता दें कि जयपुर के निजी अस्पतालों में विदेशी नागरिकों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट होने हैं, जिन्हें फिलहाल एक बार के लिए रोक दिया गया है. प्रदेश के जितने भी अस्पताल ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए अधिकृत है, उन सभी अस्पतालों को कितने मरीजों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी जारी की गई है इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.


आखिरी बार बैठक कब
गौरतलब है कि एसएमएस अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए जो कमेटी बनी हुई है, उस कमेटी की  आखिरी बार बैठक कब की गई, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.वहीं कमेटी की ओर से पिछले 3 वर्षों में कितनी बैठक आयोजित कर कितनी एनओसी जारी की गई, इसकी भी जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल इस मामले  में अभी और भी गिरफ्तारियां होना बाकी है, जिके बाद देखना यह होगा की एसीबी और कितने चेहरों को बेनकाब करती है.