डॉक्टर्स डे स्पेशल: SMS के RRC निदेशक डॉ मृणाल जोशी की सराहनीय पहल, लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीजों को मिला रहा स्वाभिमान से जीने का हक
Jaipur News: SMS रिहैबिलिटेशन सेंटर में रोजाना लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीजों सैकड़ों मरीजों का इलाज के लिए आते है. जिनका डॉ मृणाल जोशी इलाज के साथ साथ सामाजिक सरोकार का काम भी करते है.
Jaipur News: जीवन में हर व्यक्ति को स्वाभिमान के साथ जीने का हक है. इसमें चाहे लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीज ही क्यों ना हो. SMS अस्पताल के डॉक्टर ने पिछले 20 सालों में हजारों मरीजों को फक्र के साथ जीने का हक दिया. SMS अस्पताल के रिहैबिलिटेशन सेंटर निदेशक डॉ मृणाल जोशी ने लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीजों को ना केवल इलाज दिया बल्कि सामाजिक सरोकार का काम निभाते हुए उन्हें स्वाभिमान से जीने का हक दिया.
SMS रिहैबिलिटेशन सेंटर में रोजाना लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीजों सैकड़ों मरीजों का इलाज के लिए आते है. जिनका डॉ मृणाल जोशी इलाज के साथ साथ सामाजिक सरोकार का काम भी करते है. सामाजिक सरोकार के काम करने के पीछे की एक अनोखी घटना है. यह घटना करीब 25 वर्ष पहले की है जहां सामान्य दिनों की तरह डॉ मृणाल जोशी SMS में मरीज देख रहे थे, तभी जमीन पर रगड़ते हुए एक 33 वर्षीय पोलियो ग्रसित मरीज पहुंचा. मरीज की डिमांड थी की उसके पैरों का ऑपरेशन किया जाए. तब डॉ जोशी ने मरीज से ऑपरेशन कराने के पीछे का कारण पूछा तो मरीज ने जो जवाब दिया जिससे डॉ मृणाल जोशी को सोचने को मजबूर कर दिया. मरीज ने कहा कि जब वह काम पर चले जाते हैं तो बारिश के दिनों में समय पर घर नहीं पहुंच पाते क्योंकि वह रगड़कर चलते हैं और कपड़े खराब हो जाते हैं. किसी से बात करते हैं तो जमीन पर बैठे बैठे ऊपर मुंह कर बात करनी पड़ती है. ऐसे बात करना अच्छा नहीं लगता वह भी बराबर का अधिकार चाहते हैं.
इस घटना के बाद अपने स्तर पर डॉक्टर जोशी जरूरतमंद मरीजों की सहायता करने लगे. धीरे धीरे समय के साथ साथ डॉक्टर मृणाल जोशी के इस सामाजिक सरोकार के काम में अन्य संस्थाएं और लोग भी जुड़ने लगे. बीते चार वर्षों में SMS के रिहैबिलिटेशन सेंटर में डॉक्टर जोशी आने वाले लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग मरीजों को जरूरत के हिसाब से निःशुल्क व्हील चेयर उपलब्ध कराने का काम करते हैं.
डॉ मृणाल जोशी ने बताया कि ब्रेन इंजरी और लकवा होने के बाद अधिकांश मरीज विकलांग जैसी जिंदगी जीते हैं, ऐसे मरीजों के दैनिक कार्य भी दूसरों के भरोसे रहता है. ऐसे विकलांग मरीजों के चलने, फिरने, बैठने के लिए हमारे द्वारा व्हील चेयर उपलब्ध कराई जा रही है. यह काम भारत सरकार से लाभान्वित NGO के जरिये करवाया जाता है ताकि मरीज अपने जरूरी काम पूरा कर सके और एक बेहतर जिंदगी जी सके. डॉ जोशी ने बताया कि RRC में हर माह 1200 से 1400 मरीज भर्ती होते हैं, भर्ती मरीजों के अलावा ओपीडी में आने वाले मरीजों को भी व्हील चेयर दी जाती है. बात करें तो रोजाना 20 से 25 मरीजों को व्हील चेयर उपलब्ध कराई जा रही है. बीते चार वर्षों की बात करें तो अब तक करीब 20 से 25 हजार मरीजों को निःशुल्क व्हील चेयर उपलब्ध कराई जा चुकी है.
मरीजों की सहूलियत के अनुसार SMS में आने वाले मरीजों को दी जाने वाली व्हील चेयर की डिजाइन डॉक्टरों द्वारा ही तैयार की गई है. यह सामान्य व्हीलचेयर से अलग है. डॉ जोशी ने बताया कि नॉर्मल व्हीलचेयर को मॉडिफाई कर टॉयलेट के लिए इसमें कमोड तैयार किया गया है. इसके अलावा वुडन बोर्ड दिया गया है ताकि मरीज को खाना खाने या अन्य काम करने में सहूलियत हो. डॉ जोशी ने बताया कि मरीजों को इस व्हीलचेयर के अलावा अन्य डिजाइन की व्हीलचेयर पर भी चलना सिखाया जाता है ,जिसमें इलेक्ट्रिक व्हील चेयर और एक एडवांस व्हीलचेयर पर भी ट्रेनिंग दी जाती है जो आईआईटी मद्रास द्वारा डिजाइन की गई है. इस व्हील चेयर से मरीज अपने पैरो पर खड़ा भी हो सकता है. लकवाग्रस्त, ब्रेन इंजरी और विकलांग जैसे मरीज जो कभी अपनों के लिए भी बोझ होते है SMS के इन डॉक्टर्स के सहयोग से वह मरीज आज स्वाभिमान के साथ आज अपना जीवन जी रहे है.