Jaipur News: प्रदेश में शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और सुरक्षित डिलीवरी के लिए मिडवाइफ प्रैक्टिशनर्स कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. SMIT यानि स्टेट मिडवाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रैनिंग के लिए एसएमएस नर्सिग कॉलेज को स्टेट नोडल सेंटर बनाया गया है.


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जहां जल्द ही इन सर्विस बीएससी और एमएससी नर्सिंगकर्मी प्रशिक्षण लेते दिखाई देंगे. अभी सेंटर के लिए बजट नहीं मिला है. बजट मिलते ही यहां ट्रैनिंग शुरू कर दी जाएगी.



पहली बार शुरू होगा ये कार्यक्रम


सुरक्षित मातृत्व और डिलीवरी के लिए राजस्थान में पहली बार ये कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. जिसमें शुरूआत में 30 सीटें रखी गई है. इसके लिए इन सर्विस 20 कार्मिकों का चयन भी कर लिया गया है. इन सभी कार्मिकों के रहने खाने की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी। जिसके लिए फंड आवंटित होते ही ये ट्रैनिंग शुरू कर दी जाएगी.



सीएचसी, पीएचसी पर होंगे तैनात


मिडवाइफ प्रैक्टिशनर्स को सबसे पहले 6 महीने की थ्यौरी पढ़ाई जाएगी. इसके बाद 1 साल वह सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में प्रैक्टिस करेंगे. जहां उन्हें डिलीवरी और बच्चों की देखभाल सहित अन्य जरूरी जानकारियां सिखाई जाएगी. इसके लिए महिला चिकित्सालय में लैब तैयार की जा रही है. मिडवाइफ प्रैक्टिशनर्स का चयन एग्जाम और इंटरव्यू के आधार पर किया जा रहा है.


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यहां ट्रैनिंग के बाद इन्हें सीएचसी और पीएचसी पर लेबर रूम में तैनात किया जाएगा. जहां ये महिलाओं की डिलीवरी करवाने में मदद करेंगी. इससे शिशु और मातृ मृत्युदर में कमीं लाने में मदद मिलेगी.



डिलीवरी के दौरान महिलाओं को होती है परेशानी


अस्पतालों में कई जगह गायनोलॉजिस्ट नहीं होते हैं. इसके साथ ही वह भी 24 घंटे की ड्यूटी नहीं कर सकते. उनकी मदद के लिए ये कोर्स शुरू किया जा रहा है. जिसका शुभारंभ जल्द ही किया जाएगा.