जयपुर: निगम ग्रेटर में साधारण सभा की बैठक से पहले बवाल, शील धाभाई ने मेयर सौम्या गुर्जर पर लगाये आरोप
बोर्ड बैठक में रखे गए एजेंडों को लेकर सवाल खड़े करते हुए धाबाई ने 25 मई को होने वाली बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. पूर्व कार्यवाहक मेयर शील धाबाई ने सौम्या गुर्जर पर नगर निगम में मनमानी करने और भ्रष्टाचार को दबाने के आरोप लगाए है.
Greater Nagar Nigam, Jaipur News: नगर निगम ग्रेटर में सब कुछ ऑल इज वेल नहीं चल रहा है. वर्तमान नगर निगम ग्रेटर मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर का विरोध अब उनकी ही पार्टी के पार्षद करने लगे है. पूर्व कार्यवाहक मेयर शील धाबाई ने गुर्जर पर नगर निगम में मनमानी करने और भ्रष्टाचार को दबाने के आरोप लगाए है. बोर्ड बैठक में रखे गए एजेंडों को लेकर सवाल खड़े करते हुए धाबाई ने 25 मई को होने वाली बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
नगर निगम में होने वाली आगामी बोर्ड बैठक में जो एजेंडा रखे गए है, उसमें कई प्रस्ताव फाइनेंस से जुड़े है. इन प्रस्तावों को नियमानुसार फाइनेंस कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद ही बोर्ड में रखा जाना था. दो दिन पहले जब बोर्ड बैठक का एजेंडा जारी किया तो उसे देखकर फाइनेंस कमेटी के सदस्य नाराज हो गए. वे मेयर से मिलने नगर निगम भी पहुंचे, लेकिन मेयर नहीं मिली. पूर्व कार्यवाहक मेयर और वर्तमान फाइनेंस कमेटी की चेयरमैन शील धाबाई ने कहा कि नगर निगम कोई भी प्रस्ताव जो 10 करोड़ रुपए तक का होता है. उसे मंजूरी फाइनेंस कमेटी देती है और उससे ज्यादा के प्रस्तावों को फाइनेंस कमेटी से पास करवाकर बोर्ड में रखा जाता है लेकिन यहां तो नगर निगम में मनमर्जी चल रही है.
प्रस्ताव कमेटी से पास करवाए बिना ही सीधे बोर्ड में रखकर पास करवाने की तैयारी कर ली है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में जो भ्रष्टाचार हो रहा है उसे दबाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. शील धाबाई ने मेयर सौम्या गुर्जर पर आरोप लगाया कि वे मन में जो मर्जी आ रहा है वो कर रही है. तमाशा बना कर रख दिया है नगर निगम का न किसी के फोन उठाती और न किसी की बात सुनती.
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फाइनेंस समिति के फाइनेंस समितियों के सदस्यों के फोन नहीं उठा रही. हम इस मामले में कमिश्नर से पूछेंगे कि आखिर कैसे प्रस्ताव बिना फाइनेंस कमेटी से पास करवाए बोर्ड में रखे जा रहे है. उन्होंने कहा कि अगर बोर्ड बैठक का एजेंडा में बदलाव नहीं किया तो हम बोर्ड बैठक का बहिष्कार करेंगे. मैं खुद सबसे पहले बैठक का बहिष्कार करूंगी, क्योंकि जिस तरह से मनमर्जी करके नियमों के विरूद्ध काम हो रहा है वह सही नहीं है.