कांवड़ यात्रा के बाद अब विधानसभा में बाबाओं पर टिप्पणी, बालकनाथ ने दी चेतावनी- माफी मांगो वरना घर से निकलने नहीं दूंगा
Jaipur News: राजस्थान विधानसभा में साधु संतों और बाबाओं पर टिप्पणी को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में सदन में हुई तीखी नोक-झोंक हुई. यहां तक की यहां तक की विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की व्यवस्था दे दी लेकिन सत्ता पक्ष में मानने से इनकार कर दिया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लोग के कारण हंगामा को लेकर हालत यह हुई तीन बार स्थगित करनी पड़ी.
Jaipur News: साधु संतों और बाबाओं पर टिप्पणी को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में सदन में हुई तीखी नोक-झोंक हुई. यहां तक की यहां तक की विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की व्यवस्था दे दी लेकिन सत्ता पक्ष में मानने से इनकार कर दिया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लोग के कारण हंगामा को लेकर हालत यह हुई तीन बार स्थगित करनी पड़ी.
विधानसभा में पशुपालन विभाग की अनुदान मांगों के दौरान कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने कहा कि बाबाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया. इस टिप्पणी को लेकर आज दोपहर में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा यह बहुत गंभीर और अपमानजनक टिप्पणी है. मैं अपने विधायक दल की तरफ से इस पर आपत्ति दर्ज करवाता हूं और इसकी निंदा करता हूं. मैं आसान से गुजारिश करता हूं कि सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की जाए और माफी मंगवाई जाए.
इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक खड़े होकर बोले सदन में कई बार उत्तेजना हो जाती है, इतना गंभीर विषय नहीं. अगर आपको लगता है असंसदीय शब्द हो तो कार्यवाही से हटाया जाए.
जवाब में जोगेश्वर गर्ग बोले कि अगर आपके लिए गंभीर नहीं है लेकिन हमारे लिए गंभीर बात है. इस बीच बाबा बालक नाथ बोले कि इन्होंने संत समाज का अपमान किया है.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऐसे शब्द सदन में नहीं आने चाहिए. कांग्रेस मानती है क्या बनाओ ने देश का भट्ठा बैठा दिया.
राजेंद्र पारीक बोले उत्तेजना में कई बार दोनों ही पक्षों के विधायक बोल जाते जाते हैं. आप इस तरीके से सिस्टम को हाईजैक नही कर सकते हैं.
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा_सदन में इस तरीके की भाषा गलत है. अगर सदस्य माफी नहीं मांगते हैं तो इस सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य जोर से बोलने लगे. हालात यह हुई कि विधानसभा में शोरगुल हंगामा हो गया.
सत्ता पक्ष विधायक पर कार्रवाई के लिए अड़ा
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने व्यवस्था दी कि शब्द टिप्पणी से निकाल दिए जाएं, लेकिन जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जब तक माफी नहीं मांगेंगे तब तक हम नहीं मानने वाले. बाबा बालक नाथ ने कहा कि ये हमारे धर्म का अपमान करेंगे और हम सहन नहीं करेंगे. सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य खड़े हो गए जिससे शोरगुल उत्पन्न हो गया
हंगामा ज्यादा बढ़ा तो विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने विधानसभा के कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. हंगामे पर स्थगन के बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक बोले और कहा कि वचन की दरिद्रता नहीं होनी चाहिए. लेकिन कई बार उत्तेजना वस कुछ बोल देते है. आसन ने जो व्यवस्था दी उसका सम्मान करता हूं . राजेंद्र पारीक ने विश्वास दिलाया है भविष्य में ऐसा नहीं होगा .
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने भी कहा मैं भी आपको आश्वस्त करता हूं हमारे सत्ता पक्ष का कोई भी सदस्य ऐसी टिप्पणी नहीं करेगा . सदन मान मर्यादाओं परंपराओं से चलता है. मैं आसन की व्यवस्थाओं को शिरोधार्य मानता हूं.
विधानसभा अध्यक्ष ने दी व्यवस्था
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामले पर व्यवस्था देते हुए कहा कि कल सदस्य श्रवण कुमार ने जो भी अमर्यादित शब्द बोले मैं उनको विलोपित करता हूं. कोई भी सदस्य ऐसी टिप्पणी नहीं करें, जिससे श्रद्धा केंद्रो और संबंधित लोगों की भावना आहत हो. उसके बाद भी सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्य जोर-जोर से बोलते रहे हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई. एक बार फिर 10 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी गई.
माफी नहीं मांगोगे तो आपके घर से नहीं निकलने दूंगा- बालक नाथ
सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो अनुदान मांगो पर श्रवण कुमार के बोलने के दौरान हंगामा हुआ. विधायक बाबा बालकनाथ बोले, जब तक विधायक माफी नहीं मांगेंगे तब तक बोलने नही देंगे. बाबा बालक नाथ, प्रताप पुरी और बालमुकुंद आचार्य ने भी विरोध जताया .
बाबा बालक नाथ ने कहा जब तक माफी नहीं मांगेंगे तो मैं आपको घर से नहीं निकलने दूंगा. पलटवार में श्रवण कुमार बोले आप चैलेंज दे रहे हो. मै दादागिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा. इस पर एक बार फिर चंदन में हंगामा हुआ .
श्रवण कुमार के बोलने के दौरान वेल में आए बीजेपी के विधायक. बाबा बालकनाथ महंत प्रतापपुरी और स्वामी बालमुकुंद आचार्य वेल में आए. बाद में उन्हें वापस ले जाने वेल में पहुंचे श्रीचंद कृपलानी और प्रताप सिंह सिंघवी. इस दौरान हंगामा की स्थिति नहीं रुकी. स्थगित होने 15 मिनट के अंतराल के बाद हुई बैठक शुरू लेकिन बिना किसी वक्ता के बोले ही सभापति ने बैठक आधे घंटे स्थगित की . तो सभापति ने एक बार फिर विधानसभा कार्यवाही स्थगित कर दी.