Jaipur Jaldhara News : जयपुराइट्स के लिए गर्मियों में अच्छी खबर हैं. अब फिर से जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित जलधारा में सकूं के पल जयपुराइट्स 15 रूपए का शुल्क देकर बीता सकेंगे. राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर ओटीएस के पास स्थित जलधारा फिर से "जीवंत" होने वाली है. इस माह के अंत या फिर अप्रैल के पहले सप्ताह में जयपुर वासियों को यह सौगात मिलेगी.


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14 अगस्त 2020 को बारिश से तबाह हो चुकी जेएलएन मार्ग पर शिक्षा संकुल के पास स्थित 'जलधारा' फिर से जीवंत होगी. बारिश से हुए नुकसान को ठीक करवाकर जेडीए ने इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया है. प्रकृति के बीच इस सुंदर ट्यूरिस्ट स्पॉट को देखने के लिए लोगों को 15 रुपए का शुल्क देना पड़ेगा. इसका समय गर्मियों में सुबह 9 से रात्रि दस बजे और सर्दियों में सुबह 9 से रात्रि 9 बजे तक रहेगा. जेडीसी रवि जैन ने बताया की तेज बारिश और उसके बाद पानी के बहाव के कारण यहां काफी नुकसान हो गया था. जिसके बाद यहां हुई टूट-फूट को वापस ठीक करवाया गया है. इस परियोजना में सभी काम करवाने के बाद इसे संभावना है अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा. साल 2019 तक यहां आने वाले विजिटर्स को 10 रुपए शुल्क देना पड़ता था. इस जगह पर आमजन को फिर से आर्टिफिशल वॉटर बॉडी, फव्वारों, वाटर फॉल समेत अन्य चीजे देखने को मिलेगी. इस पर करीब 1 करोड 30 लाख रुपए का खर्चा हुआ है. इस बार इसेलीज पर दिया गया हैं जिसमें कॉन्ट्रेक्टर ही इस बार इस स्पॉट का मेंटेनेंस करेगा और ऑपरेशन करेगा


जलधारा में ये करवाए गए काम


-तालाबों से मिट्टी निकालने व उनके वाटर प्रुफिंग का कार्य किया जा रहा है


-फव्वारों की नई मौटर लगाने, शौचालयों का जीर्णोद्धार और फुटपाथ का नवीनीकरण का काम जारी है


-शिक्षा संकुल की तरफ फैंसिंग व रैलिंग लगाने का कार्य चल रहा है


-कियोस्क निर्माण कार्य, कलाकृतियां लगाने अन्य मरम्मत कार्य व रंग रोगन कार्य किए जाने हैं


-बहाव क्षेत्र को पहले से ऊंचा किया जा रहा है ताकि इसमें मिट्टी नहीं भरे


-दोनों तरफ के ढलान के हिस्से पर ग्राउंड कवरिंग कराई जा रही है, ताकि तेज बारिश में मिट्टी का कटाव नहीं हो


-जलधारा में विभिन्न स्थानों पर खुशबूदार फूलों वाले मोगरा, रात की रानी, चमेली,हरसिंगार, दिन का राजा ,चंपा आदि पौधे लगाए जाएंगे


-मोल श्री, अमलतास, कचनार, गुलमोहर जैसे फोटो जैनिक पौधे लगाकर सेल्फी प्वाइंट्स बनाए जाएंगे


जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन ने बताया की साल 2010 में जेएलएन मार्ग पर ओटीएस के पास कृत्रिम जलधारा का निर्माण किया गया था. यहां प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में फव्वारे लगाते हुए वाटर फॉल व तालाब आदि बनाए गए थे. जयपुर के लोगों को और यहां घूमने आने पर्यटकों के लिए यह जलधारा खास आकर्षण का केन्द्र रही. रोजाना यहां करीब 500 से अधिक लोगों की आवाजाही रहती थी. वर्ष 2020 में 14 अगस्त को आई तेज बारिश के कारण मिट्टी का कटाव होने और तालाब में मिट्टी भरने से जलधारा क्षतिग्रस्त हो गई. अब नए सिरे से जलधारा शुरू करने के लिए करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से जेडीए की ओर से जीर्णोद्धार कार्य करवाए गए हैं. जलधारा प्रकृति को बचाने के लिए और साथ ही गुलाबी शहर को और भी सुंदर, आकर्षक बनाने के लिए किए गए प्रयासों में से एक है.


साथ ही ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से किया गया यह एक अनूठा प्रयास है. यह एक अद्भुत पानी के फव्वारे युक्त उद्यान है जिसे जलधारा नाम दिया गया है. जयपुर में जेएलएन मार्ग पर कुलिश स्मृति वन और शिक्षा सकुंल के बीच बने इस सुंदर उद्यान का प्रमुख आकर्षण पानी के फव्वारे और जल की कृत्रिम धारा है. जलधारा तक पहुंचने के लिए लाल पत्थर की खूबसूरत सीढ़ियां हैं जिनके दोनो ओर शिल्पकारी और उद्यानिक सजावट आपका मन मोह लेती है. नीचे पहुंचकर आप अपने आप को एक पुलिया और उसके साथ लगी हरी भरी घाटी में पाएंगे. जिसके बीचों बीच से पानी की एक धारा गुजर रही है. जलधारा फव्वारे की ऊंचाई 40 फीट के आसपास है और घाटी की लंबाई लगभग आधा लंबी है. घाटी को पौधों, पेड़ों, मूर्तियों, पुलों और पंछियों की मौजूदगी से सजाया गया है. धारा के दोनो ओर एक पाथ बनाया गया है जहां जगह जगह बैठने के लिए बैंचें भी लगाई गई हैं. इस उद्यान में कृत्रिम चट्टानों पर उकेरे गए सुंदर शिल्प मन मोह लेते हैं. इसके अलावा सुंदर साइन बोर्ड आपको जगह के बारे में आवश्यक जानकारियां देंगे.


बहरहाल, चारों ओर झालाना की पहाड़ियों और हरियाली से भरे इस खूबसूरत उद्यान में बैठकर आप खुले आकाश के नीचे कुछ आरामदायक पल बिता सकते हैं. शहर की भीड़ और भागमभाग के बीच यह उद्यान आपको पूरी तरह छोटे जंगल और नदी का आभास कराएगा. यहां जगह जगह बनी छोटी झोपड़ियां और मचान बच्चों को बेहद आकर्षित करते हैं. गर्मियों के मौसम में यहां की शाम घूमने का खूबसूरत विकल्प है.


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