Jat Reservation: जाट समाज की दो चरणों में आरक्षण को लेकर दिल्ली में वार्ता, चक्काजाम की बनेगी स्थिति या मांगों की होगी पूर्ति?
Jat Reservation: भरतपुर और धौलपुर जिलों के साथ अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने दिया था.
Jat Reservation: ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा जाटों का महापड़ाव अब जोर पकड़ रहा है. जाट समाज की 8 सदस्यों की कमेटी भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को केंद्र की ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर दिल्ली पहुंच चुकी है. इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से उनकी 2 दौर में बातचीत होगी.
पहली वर्ता आज है वहीं दूसरी वार्ता 12 फरवरी को होगी. राज्य सरकार से भी इससे पहले जाट समाज के प्रतिनिधि मंडल की बातचीत हो चुकी है. जाट समाज का 24वें दिन उच्चैन तहसील के जयचौली गांव पर भी महापड़ाव जारी है.
समाज के लोगों की माने तो उनका कहना है कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक महापड़ाव रहेगा. 6 फरवरी को जाट समाज के पास राज्य सरकार की ओर से बातचीत का न्यौता आया. बताया जा रहा है कि ये वर्ता सकारात्मक रही. बता दें कि 7 फरवरी को दिल्ली- मुंबई रेलवे ट्रैक और नेशनल हाइवे को जाम करने का निर्णय जाट समाज की ओर से लिया गया था लेकिन वार्ता के सफल होने के बाद ऐसा नहीं किया गया. वहीं अब जाट समाज की दो चरणों में आरक्षण को लेकर दिल्ली में वार्ता है. जिसके बाद ये तय होगा कि क्या जाट समाज चक्काजाम करेगा यानी हाइवे जाम करेगा या उनकी मांगों की पूर्ति हो जाएगी?
आपको बता दें कि भरतपुर और धौलपुर जिलों के साथ अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने दिया था. केंद्र में भाजपा की 2014 में सरकार बनी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया. 23 अगस्त 2017 को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे ने लंबे संघर्ष के बाद दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया. हालांकि केंद्र ने यह आरक्षण नहीं दिया.