Jaipur News: पृथ्वीराज नगर योजना में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी नहीं करने से जुडे मामले में अदालती आदेश की पालना में जेडीए आयुक्त जोगाराम की ओर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश किया गया. शपथ पत्र में बताया गया कि पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन दिए तो जेडीए को 456 करोड़ रुपए का नुकसान होगा. इस योजना में 641 अनुमोदित व 214 गैर अनुमोदित कॉलोनियां हैं. इनमें कुल 80,018 भूखंड हैं.


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वहीं इनमें से 62,454 भूखंडों को जेडीए ने पट्टे जारी कर दिए हैं. जेडीए को इन भूखंडों को पट्टे जारी कर 1621 करोड रुपए की आय हुई है. जबकि 17564 भूखंड ऐसे हैं, जिन्हें पट्टे जारी नहीं किए गए हैं. इनमें से भी अधिकतर भूखंड हाईटेंशन लाइन के नीचे, सोसायटी या भूखंड के पट्टे को लेकर विवाद है. हालांकि जेडीए की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी के पास जेडीए पट्टा नहीं होने के आधार पर ही उसे बिजली कनेक्शन प्राप्त करने से नहीं रोका जा सकता.


सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट के पीआरएन में सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन पर रोक के 5 जुलाई 2013 के आदेश से पहले बिना जेडीए पट्टे वाले करीब दस हजार लोगों को बिजली कनेक्शन जारी किए गए हैं. ऐसे में जेडीए को इसे भी अपने नुकसान में शामिल करना चाहिए.


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प्रार्थियों ने सोसायटी पट्टों के जरिए पीआरएन में भूखंड खरीद कर मकान बनाए थे. वे विद्युत अधिनियम की धारा 43 के तहत कब्जाधारी की परिभाषा में आते हैं, इसलिए पीआरएन में सोसायटी पट्टा धारकों को बिजली कनेक्शन दिए जाए. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई पर अदालत ने जेडीए से पूछा था कि यदि सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी होते हैं तो जेडीए को कितना नुकसान होगा. अदालत ने इस मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख रखा है.