Jhunjhunu: रींगस से झुंझुनूं तक विद्युतीकरण कार्य का सीआरएस निरीक्षण आज हुआ. पहले यह निरीक्षण कल होना था लेकिन कल पॉवर सप्लाई बाधित होने के कारण ट्रैक ट्रायल और स्पीड ट्रायल नहीं हो पाया, जिसके चलते आज एक बार फिर मुंबई सर्किल के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी आरके शर्मा ने निरीक्षण किया. 


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आरके शर्मा डीजल इंजन रेल से जयपुर से झुंझुनूं पहुंचे. इसके बाद इलेक्ट्रिक इंजन की पूजा अर्चना कर उसे ट्रायल के लिए रवाना किया गया. इससे पहले आरके शर्मा ने झुंझुनूं के रेलवे स्टेशन का निरीक्षण बारीकी के साथ किया था. 


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वहीं वे इलेक्ट्रिक इंजन में सवार होकर रींगस के लिए रवाना हो गए और हर स्टेशन और ट्रैक का निरीक्षण करते हुए गए. इससे पहले कल भी सीआरएस ने नवलगढ़, मुकुंदगढ़, नूआं रेलवे स्टेशनों के निरीक्षण के बाद झुंझुनूं रेलवे स्टेशन पहुंचकर इलेक्ट्रिक कार्य का जायजा लिया था. 


वहीं, उनके साथ डीआरएम नरेंद्र समेत अनेक अभियंता और अधिकारी थे. सीआरएस के निरीक्षण के बाद भी यदि यह ट्रैक ओके हो जाता है तो भी फिलहाल ट्रैक पर इलेक्ट्रिक रेलगाड़ी इस साल दौड़ने की संभावना कम ही है क्योंकि अभी झुंझुनूं से लोहारू तक काम शेष है. इस काम को मार्च तक पूरा करना है. वहीं इसके बाद भी सभी संबंधित रूटों को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रीक ट्रेन दौड़ाई जाएगी. 


रींगस से सीकर होकर और झुंझुनूं होकर लोहारू तक इलेक्ट्रिक कार्य दो चरणों में हो रहा है. सीकर से लोहारू तक 122 किमी प्रोजेक्ट पर 102 रुपये खर्च होने हैं. रींगस से सीकर होकर झुंझुनूं तक 120 किमी का काम पूरा हो चुका है, जबकि झुंझुनूं से लोहारू तक 60 किमी एरिया में काम चल रहा है. झुंझुनूं से लोहारू तक बिजली लाइनों का काम पूरा होने के बाद ही इलेक्ट्रिक इंजन चलने की उम्मीद जगेगी. साथ ही बिजली ट्रेनों का संचालन शुरू होने के बाद डीजल इंजन से निकलने वाले धुआं की समस्या से जनता और क्षेत्र के पर्यावरण के लिए पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी. 


Reporter- Sandeep Kedia