Jaipur: केंद्र सरकार (Central Government) के जल जीवन मिशन (Jal Jivan Mission) में राजस्थान लगातार पिछड़ता जा रहा है. जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल (Dinesh Goyal) सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं. देश में हर घर नल कनेक्शन देने में राजस्थान सबसे पीछे चल रहा है. सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जेजेएम (JJM) के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे, लेकिन जल जीवन मिशन के अधिकारी नींद से जगने का ही नाम नहीं ले रहे.


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देश में 29 वे नंबर पर मरूधरा
आज भी राजस्थान की अधिकतर आबादी के पास घर-घर तक पीने का पानी नहीं पहुंच पाता. कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है, लेकिन इस जटिल समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार जल जीवन मिशन लेकर आई, ताकि हर घर नल से पीने का पानी पहुंच सके. लेकिन राज्य इस मिशन में अब तक पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है. हर घर कनेक्शन देने में राजस्थान देश में 29 वें नंबर पर है यानि सिर्फ केवल उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, बंगाल, झारखंड से ही हम आगे है. बाकी राज्यों से मरूधरा बहुत पीछे है, जबकि सबसे ज्यादा जरूरत इस मिशन की राजस्थान को ही है. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि हर नए काम को करने में वक्त लगता है, अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे हैं.


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30 लाख में से सिर्फ 1.71 कनेक्शन लगे
राजस्थान के गांव-ढाणियों में 21,31,890 कनेक्शन से घर-घर पीने का पानी पहुंचने लगा है, लेकिन इनमें से सिर्फ 9,57,759 ही नए कनेक्शन इस मिशन के अंतगर्त लगाए है. बाकी 11,74,131 कनेक्शन तो पुरानी दूसरी ग्रामीण योजनाओं के है. इस साल जलदाय विभाग को 30 लाख नए कनेक्शन करने का टारगेट मिला है, लेकिन साढे 7 महीने मे सिर्फ 1,71,821 कनेक्शन ही हो पाए. आधा साल बीतने के बाद सिर्फ 5.73 फीसदी ही लक्ष्यों को जलदाय विभाग पूरा कर पाया है. ऐसे में साढे 4 महीने में चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल कैसे जादू की छड़ी घुमाकर 28 लाख 28 हजार 179 कनेक्शन करवा पाएंगे. विभाग के एसीएस सुधांश पंत का सपना है कि हर घल नल कनेक्शन लगे, लेकिन उनके सपनों को तोड़ने में जलदाय विभाग कोई कसर नहीं छोड रहा.


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14 अगस्त को बदला चीफ, ताकि बदले हालात बदले
सरकार ने 14 अगस्त को जल जीवन मिशन में तेजी लाने के लिए दिनेश गोयल को चीफ इंजीनियर का अतिरिक्त चार्ज दिया था. दिनेश गोयल के ज्वाइन करने के बाद तीन महीने में महज 57,829 ही नए कनेक्शन हो पाए. इसके अलावा राज्य सरकार ने 13 अक्टूबर को आईएएस डॉ पृथ्वीराज को जल जीवन मिशन का अलग से डायरेक्टर भी बनाया, लेकिन इस मिशन पर कुछ खास असर दिखाई नहीं दिया है. बड़े सवाल ये है कि क्या इस मिशन को साकार करने के लिए चीफ इंजीनियर बदला जाना चाहिए, क्या चीफ इंजीनियर जेजेएम का अतिरिक्त भार की जगह अलग से चीफ इंजीनियर बनाना चाहिए लेकिन ऐसे ही हालात रहे तो राजस्थान में जल जीवन मिशन का सपना कभी साकार नहीं हो पाएगा.