Joint Pain: चिलचिलाती धूप, उमस और गर्मी से मानसून हमें राहत दिलाता है. वैसे इस मौसम में बारिश की वजह से चारों ओर हरियाली रहती है, लेकिन मानसून की बरसात अपने साथ कई तरह की गंभीर बीमारियां भी लाती है. मानसून में लोग चाय और स्ट्रीट फूड का भी लुत्फ उठाते हैं. मगर इसी दौरान लोगों में जोड़ों के दर्द, हड्डियों में विकार, गठिया और पुरानी चोटों का दर्द देखने में आता है. मानसून के दौरान लोगों को दर्द परेशान होती है. लेकिन आप ने कभी सोचा है कि आखिर, बारिश के सीजन में जोड़ों का दर्द सिर क्यों उठाने लगता है. इसके पीछे की मुख्य वजह क्या है. तो चलिए जानते हैं कि इस मामले में जानकार क्या कहते हैं. 


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बरसात में क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का पेन


हड्डी रोग विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश के समय कई तरह की बड़ी बीमारियां सिर उठाती हैं, जिनमें जोड़ों का पेन, गठिया, हड्डियों में पुरानी चोटों में दर्द शामिल हैं. जानकारों का कहना है कि इन दर्द का कारण बारिश नहीं होती. यह सब बैरोमीटरिक दबाव (barometric pressure) के कारण होता है. उनका कहना है कि वायुमंडल में मौजूद एयर प्रेशर को बैरोमेट्रिक प्रेशर कहा जाता है. जब ये प्रेशर कम होता है, तो शरीर के टिशूज और मसल्स में सूजन और दर्द होने लगता है. कम ताप की वजह से टिशूज, मसल्स और जोड़ों में दर्द के साथ जकड़न भी हो सकती है.



हॉट कम्प्रेशन से कम हो सकता है दर्द


जानकार मानते हैं कि जिन लोगों में बोन्स और जोड़ों से जुड़ी पुरानी चोटें होती हैं, उन लोगों को ही दर्द सहना पड़ता है. इसके इतर, कभी-कभी मानसून के चलते एडमॉसफेयर में नमी की वजह से रक्त चाप भी बढ़ जाता है, जिसकी वजह से शरीर में पेन हो सकता है. जानकार मानते हैं कि इस दर्द को कम करने का सबसे कारगर उपाय हॉट कम्प्रेशन (hot compression) है.


कैसे मिलेगा जोड़ों क दर्द से आराम


जानकार बताते हैं कि जोड़ों के दर्द या जिन्हें पुरानी चोटें होती हैं, उन्हें गर्म वातावरण में रहने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज करना, पेन किलर और सूजन-रोधी मेडसिन पास में रखना, वजन कंट्रोल करना, स्ट्रेचिंग के व्यायाम करना लोगों को दर्द से बचा सकता है. 


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