Kalpana Chawla Birth Anniversary Facts: कल्पना चावला 8 साल में एस्ट्रोनॉट बनने का देखा था सपना, मौत से पहले कही थी ये बड़ी बात
Kalpana Chawla Birth Anniversary Facts: कल्पना चावला की दुखद मौत साल 2003 को गई जब वे अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद लौट रहे थे. कल्पना ने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं और इसी के लिए मरूंगी भी.
Kalpana Chawla Birth Anniversary Facts: कल्पना चावला (Kalpana Chawla) अंतरिक्ष में यात्रा करने वाली भारतीय मूल की पहली महिला एरोनॉटिकल इंजीनियर थीं. एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में उपलब्धि और योगदान के मामले में वे कई महिलाओं के लिए एक आदर्श मॉडल के तौर पर आज भी याद की जाती हैं. कल्पना चावला अपने मौतसे पहले बड़ी बात कही थी. चावला ने कहा कि “अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करो जिसे आप सच में करना पसंद करते हो. अगली लाईन में कल्पना ने क्यों कहा कि विश्वासधात कर रहे हो.
कल्पना चावला अपने मिशन से लौट रही थी. अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 पृथ्वी से लगभग 2 लाख फीट की ऊंचाई पर था. कुछ ही पल में वे धरती पर कदम रखने वाली थी. धरती पर पहुंचने में महज 16 मिनट से भी कम समय लगने वाला था. लेकिन अचानक अंतरक्षि यान से नासा का संपर्क कट गया और कुछ मिनटों में कल्पना चावला की टीम समेत इस यान का मलबा अमेरिका के टैक्सस के डैलस इलाके में बिखर गया. आगे पढ़ें पूरी खबर विस्तार से-
कल्पना चावला की आज 61वीं जयंती है. उनका जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम बनारसी लाल चावला और संज्योती चावला था. कल्पना की प्रारंभिक शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई. उनके बारे में कई अनसुनी अनकही बातें है जो आज हम आपसे साझा करने जा रहे हैं.
1.कल्पना चावला के माता-पिता की दिली इच्छा थी कि वे एक टीचर या डॉक्टर बने. लेकिन जब वो 8वीं कक्षा में पढ़ रही थी तभी उन्होंने एस्ट्रोनॉट बनने की सपना देख लिया था. पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (Punjab Engineering College) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग से बैचलर डिग्री हासिल की.
2. साल 1984 में कल्पना ने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर किया और 2 साल बाद 1986 में मास्टर्स किया. इसके बाद साल 1988 में कल्पना ने कोलोराडो यूनिवर्सिटी बोल्डर से पीएचडी की.
3. कल्पना चावला ने साल 1988 में नासा (NASA) के महत्वाकांक्षी प्रजोक्ट लिए काम शुरू कर दी. करीब 6 साल बाद दिसंबर 1994 में स्पेस मिशन के लिए उनका चयन अंतरिक्ष-यात्री के रूप में कर लिया गया .
4. कल्पना चावला भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी. वे अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी.
5. कल्पना चावला ने अपने जीवन में दो बार अंतरिक्ष की यात्रा की थी. उन्होंने पहली बार 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष यात्रा के लिए उड़ान भरी थी. जबकि 16 जनवरी 2003 को उन्होंने दूसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी.
6. 16 जनवरी 2003 को कल्पना ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी तो काफी विश्वास के साथ नजर आ रही थी , लेकिन ये यात्रा इनके जीवन का आखिरा यात्रा बन गई. लेकिन एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में उपलब्धि और योगदान के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है.
7. 1 फरवरी का दिन दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए काला दिन था. 1 फरवरी 2003 को वापस लौटते समय उनका स्पेस यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में उनके साथ सभी इसमें सवार सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी.
8. कल्पना चावला ने फ्रांस के जान पियर से शादी की थी. जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे.उनके पति जीन पीएर हैरिसन फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और विमानन लेखक थे नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक और नासा विशिष्ट सेवा पदक से उन्हें सम्मानित किया जा चुका.
9. कल्पना चावला ने एक बार कहा था कि “अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा करो जिसे आप सच में करना पसंद करते हो. अगर आप बस इसे अपना लक्ष्य समझकर कर रहे हो और उस प्रक्रिया का आनंद नहीं ले रहे हो तब आप खुद के साथ विश्वासधात कर रहे हो.
10. कल्पना के बोले हुए शब्द सच साबित हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं. हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी भी.