When Did Politics Start in Rajasthan: राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) की बाते करें इन दिनों किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena,) अपने इस्तीफे को लेकर चर्चा में हैं.


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राजस्थान में उपचुनाव


वहीं सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की है किरोड़ी लाल मीणा को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है. ऐसे में वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी बीजेपी केंद्र में बुला सकती है. साथ ही आगामी 5 सीटों  (खींवसर,देवली,चौरासी,दौसा और झुंझुनूं) पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव किरीड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में ही लड़ा जाए. 



गौरतलब है कि  हरीश मीणा ने देवली से, राजकुमार रोत ने चौरासी से, मुरारी लाल मीणा ने दौसा से और झुंझुनूं सीट से बृजेंद्र ओला ने लोकसभा चुनाव लड़ा और उनकी जीत हुई. ऐसे में उन्होंने विधायक पदों से इस्तीफा दिया.



 राजस्थान की राजनीति का इतिहास


भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के कौन से दो दिग्गज नेता माने जाते हैं. भैरों सिंह शेखावत को राजस्थान की राजनीति में बड़ा नाम माने जाते हैं वहीं कांग्रेस की ओर से ये नाम टीकाराम पालीवाल का है...



यहां आपको इस बात की जानकारी देना जरूरी है कि राजस्थान की राजनीति की शुरूआत कौन से सन से हुई थी. राजस्थान की राजनीति की शुरूआत 1952 में हुई थी. राजस्थान में पहला लोकसभा चुनाव  27 मार्च 1952 को हुआ था. लेकिन शुरू में कांग्रेस का राजनीति में दबदबा था.वहीं कांग्रेस की तरफ से ये नाम टीकाराम पालीवाल  का माना जाता है. स्वतंत्रता के बाद हुए हुए पहले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के पहले टीकाराम पालीवाल कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री बने थे.  1952 में भैरों सिंह शेखावत पहली बार विधायक बने और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.... लेकिन इसके बाद 1977 से शेखावत का दौर शुरू हुआ. भैरों सिंह शेखावत ने पहली बार बीजेपी से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.