Kotputli News: कोटपूतली के निजी अस्पताल में महिला मरीज की मौत का मामला गर्माता जा रहा है. परिजन और ग्रामीण अस्पताल के बाहर पिछले 30 घंटे से धरना देकर बैठे हैं.  घटना से नाराज़ ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से भी इंकार कर दिया है.


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ग्रामीणों ने अस्पताल चिकित्सक और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. साथ ही 30 लाख रूपये की मुवावजे की मांग की जा रही है. जिसको लेकर प्रशासन और धरना दे रहे लोगों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है. लेकिन परिजन व ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए है. 


बानसूर पूर्व विधायक शकुंतला रावत भी धरने स्थल पर पहुंची, जहाँ प्रशासन चिकत्सक व परिजनों के बीच बैठे कर वार्ता की गई लेकिन इधर अस्पताल प्रशासन ने साफ तोर से मुवावजा देने से इंकार कर दिया है. अस्पताल के निदेशक मनोज गुप्ता ने कहा मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर कंजूमर कोर्ट मे मुवावजे की मांग रखी जाये. अगर कोर्ट मेरे खिलाफ मुवावजे का जुर्माना करता है तो परिजनों को मुबावजा मिल सकता है.


इधर ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ ने महिला मरीज के इलाज में लापरवाही बरती है. उनकी लापरवाही से ही महिला की मौत हुई है। ग्रामीणों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. बता दें कि बानसूर के खेड़ा निवासी सरिता को पथरी का दर्द होने पर श्याम अस्पताल में भर्ती कराया था.


चिकित्सकों ने जांच करवाने के बाद पित्त की थैली का ऑपरेशन किया. बाद में उन्होंने महिला की हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया. परिजन महिला को निम्स अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद परिजन वापस कोटपूतली पहुंचे तो रास्ते में ही पुलिस ने शव को BDM अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. 


साथ ही परिजनों ने कोटपूतली थाने में रिपोर्ट भी दी थी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी इधर थाना अधिकारी राजेश शर्मा का कहना है मामले मे रिपोर्ट दर्ज कर ली जिसको लेकर जाँच की जा रही है. पुलिस ने अस्पताल से मृतका से संबंधित रिकॉर्ड जब्त कर लिया है और मामले की जांच में जुटी हुई है. 


आज भी धरने के दौरान भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया है. लेकिन परिजन पंच नामे की कार्रवाई नहीं करवा रहे है, जिससे पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका. पोस्टमार्टम के लिये मेडिकल बोर्ड का भी गठन कर दिया गया है.फिलहाल अभी भी मौके पर बड़ी संख्या में महिला पुरुष धरना देकर बैठे है.