Sankashti Chaturthi: संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जहां भक्त उपवास रखते हैं और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा करते हैं. इस साल यह 7 जून, 2023 को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में पड़ रही है. प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का महत्व विशेष होता है क्योंकि भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा इसके विभिन्न नाम और पीठ के साथ की जाती है और इसके साथ विभिन्न रस्म और कथाएं जुड़ी होती हैं. यह त्योहार महाराष्ट्र में विशेष महत्व रखता है, जहां बांझपन से पीड़ित जोड़े संतान के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.


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संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व रखती है. इस पुण्यकाल पर भक्त उपवास रखते हैं और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा करते हैं. एक वर्ष में कुल 12 संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) होती हैं. दृक पंचांग के अनुसार, इस बार कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष कीचतुर्थी तिथि में पड़ रही है. जून महीने में इसे आज, अर्थात 7 जून 2023 को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) की उपासना की जाती है और उपवास रखा जाता है. 


2023 में संकष्टी चतुर्थी की तारीख और समय (Sankashti Chaturthi Date and Time)


चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 7 जून, 2023 - सुबह 12:50 बजे


चतुर्थी तिथि समाप्त - 7 जून, 2023 - शाम 9:50 बजे


संकष्टी दिवस पर चंद्रोदय - 7 जून, 2023 - रात 10:50 बजे


कृष्णपिंगळ संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Krishnapingala Sankashti Chaturthi Significance)


हिंदू धर्म में हर महीने संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. लोग इस दिन व्रत रखते हैं ताकि भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रसन्न कर सकें. प्रत्येक महीने भगवान गणपति का विशेष नाम और पीठ से पूजा की जाती है. प्रत्येक संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) के साथ विभिन्न आचार-विधियां और कथाएं जुड़ी होती हैं. जो व्यक्ति विशेष भक्ति और समर्पण के साथ पूजा करता है, उसे सभी बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है और भगवान गणेश (Lord Ganesha) अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और इच्छित कामना पूरी करने का आशीर्वाद देते हैं. भगवान गणेश (Lord Ganesha) भगवान शिव (Bhagwan shiv) और देवी पार्वती (Mata parvati) के पुत्र हैं, और हिंदू पुराणों के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान शिव ने भगवान गणेश (Lord Ganesha) को प्रथम पूज्य या सर्वोच्च देवता घोषित किया था. 


चतुर्थी की पूजा विधि (Puja Vidhi Chaturthi)


  • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें.

  • भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति रखें और भगवान की पूजा करें.

  • दिया जलाएं, हल्दी कुंकुम तिलक लगाएं, पीले फूल और दूर्वा हरे घास का आहुति दें.

  • कथा, मंत्र ओम श्री गणेशाय नमः और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की आरती का पाठ करें.

  • भक्तों को भगवान गणेश (Lord Ganesha) के मंदिर जाना चाहिए और भगवान को मोदक या लड्डू अर्पित करना चाहिए.

  • सभी रीतियों को पूरा करने के बाद, भक्तों को चंद्रमा को पानी अर्पित करने के बाद उपवास तोड़ सकते हैं.


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