Jaipur: प्रदेश में जल्द ही बिजली के ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग के लिए लैब स्थापित की जाएगी. इसके लिए वीकेआई स्थित नेशनल टेस्ट हाउस एनडल्यूआर की ओर से एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसे केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग ने मंजूरी के लिए हामी भर दी है. प्रदेश में ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग लैब लग जाने से ट्रांसफार्मस की कीमतों में कमीं जा जाएगी. इसके साथ ही आसानी से ये उपभोक्ता को मिलने लग जाएंगे.


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ये है प्रोजेक्ट 


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  • चौमूं के मंडा इंडस्ट्रीयल एरिया में जगह चिह्नित

  • 5 करोड़ की जमीन

  • 20 करोडे़ भवन बनाने में होंगे खर्च

  • 120 करोड़ के सामान खरीदें जाएंगे

  • अभी राजस्थान में 105 ट्रांसफार्मर्स बनाने वाले लाइसेंसधारक

  • यहां लैब लगने से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल को भी दे सकेंगे सप्लाई


नेशनल टेस्ट हाउस एनडल्यूआर के जयपुर केंद्र प्रभारी राकेश कुमार सैनी ने बताया कि बिजली के ट्रांसफॉर्मर्स की टेस्टिंग के लिए अभी उत्तर भारत के उद्यमियों को बड़ोदा या भोपाल जाना पड़ता है. जिसमें एक ट्रांसफार्मर को ले जाने पर ही करीब 25 हजार रुपए का खर्चा आता है. इसके साथ ही ट्रांसफार्मर्स की टेस्टिंग में भी समय लगता है. प्रदेश में टेस्टिंग लैब की स्थापना होने से लागत तो बचेगी ही इसके साथ ही जल्द ट्रांसफार्मर्स की आपूर्ति हो सकेगी.


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प्रोजेक्ट के अनुसार लैब की स्थापना में करीब 140 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके लिए रेनवाल चामूं रोड पर मंडा इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन देख ली गई है. बाहर टेस्टिंग में अभी 3 महीने का इंतजार करना पड़ता है. इसके साथ ही एक बार छोड़ना और एक बार लाना पड़ता है. यहां लैब की स्थापना होने से उद्यमियों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इसके साथ ही टेस्टिंग के खर्च में कटौती होने से विद्युत वितरण कंपनियों, फैक्ट्रियों, फ्लैट्स में लगने वाले ट्रांसफार्मर्स की कीमत कम हो जाएगी. इससे लोगों को भी राहत मिलेगी.