Jaipur: डॉ. भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के ऑन कैंपस एलएलएम एक वर्षीय पाठ्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ जस्टिस मुनीश भंडारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश, मद्रास उच्च न्यायालय तथा वर्तमान चैयरमैन, सफ़ेमा के उद्बोधन के साथ आज हुआ. जस्टिस भंडारी ने छात्रों तथा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में विधि शिक्षा, विधि शिक्षक तथा विधि छात्रों को नई चुनौतियों के लिए स्वयं को तैयार करना चाहिए.उन्होंने छात्रों के प्रश्नों के विस्तार से जवाब दिए.


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जस्टिस भंडारी ने कहा की कुछ मामलों में मीडिया ट्राइयल देखने को मिलता है लेकिन मीडिया को केस की रिपोर्टिंग करनी चाहिए और उसका निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए इससे भ्रम भी पैदा होता है तथा जज के सोच पर भी प्रभाव पड़ सकता है.आखिर जज भी एक इंसान होता है.अगर आप जज बनना चाहते हैं तो आपको लॉ की गहरी जानकारी होनी चाहिए तथा आपको ईमानदारी होना चाहिए.


उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इतने कम समय में अर्जित उपलब्धियों असाधारण हैं तथा इस विश्वविद्यालय के माध्यम से राजस्थान की विधि शिक्षा में गुणात्मक सुधार अवश्य होगा.कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने तथा संचालन प्रो. मृदुल श्रीवास्तव ने किया.


कुलपति डॉ. देव स्वरुप ने बताया कि एक वर्षीय एलएलएम विश्वविद्यालय का बहुत प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम है तथा 60 सीटों के लिए बहुत बड़ी तादात में आवेदन प्राप्त हुए थे.उन्होंने यह भी बताया कि इस पाठ्यक्रम के प्रथम बैच का उदघाटन प्रोफ़ेसर फ़ैजान मुस्तफ़ा कुलपति नालसार द्वारा तथा द्वितीय बैच  का प्रो. एस. के. भटनागर, कुलपति लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ द्वारा किया गया था.