Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ की स्वाति शर्मा को विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) में लीगल अफसर (legal officer) के रूप में सलेक्शन हुआ है. काजड़ा (kajda) जैसे छोटे से गांव से निकलकर दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक संस्थान में जॉब लेने के लिए स्वाति ने बहुत मेहनत की है.  


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साधारण परिवार और छोटे शहर से निकलकर WTO में जॉब लगने तक की इनकी यात्रा लोगों के लिए मिसाल है. झुंझुनूं के छोटे से गांव काजड़ा की रहने वाली स्वाति ने बताया कि 'मन में कुछ ठान लें और उसके लिए मेहनत करे तो कोई भी मुकाम पाया जा सकता है. इस सफर को तय करने में कई परेशानियां थीं. स्वाति ने बताया कि वो हमेशा से कोई टॉपर स्टूडेंट नहीं थीं. स्कूली पढ़ाई में औसत थी, लेकिन कुछ बड़ा करने का हमेशा से जज्बा था. 


निरंतर आगे बढ़ने की लगन थी. स्वाति ने बताया कि वो लगातार पढ़ाई से कभी थकी नहीं. उनका उद्देश्य नया कुछ सीखना ही था. उनके पिता शिवकुमार शर्मा सूरजगढ़ पंचायत समिति के सीबीईओ कार्यालय में जेईएन हैं. प्रारम्भिक पढ़ाई गांव के ही हिन्दी मीडियम स्कूल में हुई. इसके बाद सूरजगढ़ की और चिड़ावा के स्कूल में पढ़ाई की. 


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लॉ की पढ़ाई के लिए देहरादून गईं. स्वाति के मुताबिक परिवार का पूरा सपोर्ट था. सेकेंड ईयर में थीं तब इंटरनेशनल लॉ (Internal law) में पोस्ट ग्रेजुएट करने का सोच लिया था. इसे पूरा भी किया. इसके आगे सपना था कि दूनिया के टॉप संस्थानों के साथ काम करूं.


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सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैं हिंदी मीडियम से थी- स्वाति 


स्वाति बताती हैं- 'मेरे परिवार में किसी ने लॉ की पढ़ाई नहीं की थी. लेकिन मैंने बहुत चैंलेजिंग सब्जेक्ट चुना. कॉलेज में लॉ करने वाले अधिकतर स्टूडेंट का बैक ग्राउंड लॉ से ही था. किसी के पिता जज थे, किसी के नामी वकील. 


वेरिक यूनिचर्सिटी के प्रोफेसर से हुई मुलाकात
स्वाति ने बताया- ' जुलाई 2020 में लॉ की पढ़ाई पूरी हो गई थी. अपने सपने पूरे करने के लिए दुनिया के टॉप लॉ इंस्टिट्यूट में रिसर्च के लिए ट्राई शुरू किया.


डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हैं स्वाति के आदर्श
स्वाति इंदिरा नूई (Indira Nui), गीता गोपी नाथन (Geeta Gopinathan) और एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul kalam) को अपना आदर्श मानती हैं. उनका कहना है कि हर माता-पिता को अपने बच्चों कौशल पर ध्यान देना चाहिए. उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए. स्वाति ने कहा- 'हम मध्यमवर्गीय (Middle Class) आय वाले परिवार आते हैं, ऐसे में फाइनेंस की भी समस्या थी, लेकिन पापा ने कभी कोई दिक्कत नहीं आने दी. किसी भी मुकाम पर जाने के लिए पैरेंट्स का साथ बहुत ही जरूरी है.'


Reporter: Sandeep Kedia