Rajasthan Politics: उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेताओं ने बगावत की ताल ठोक रखी है. वहीं राज्य सरकार के मंत्री बागियों को समझाने में लगे हुए हैं. दूसरी ओर भाजपा प्रदेश मदन राठौड़ ने कहा कि कहीं भी किसी तरह की बगावत नहीं है. हमारी पार्टी एकजुट है, संगठित होकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. 


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ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या मदन राठौड़ को बगावत नहीं दिख रही या उन्हें विश्वास है कि समझाइश के बाद सभी बागी मान जायेंगे.



राजस्थान में 7  विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा के टिकट घोषित होने के साथ ही 5 सीटों पर असंतोष के साथ ही बगावत भी सामने आ गई है. झुंझुनूं, सलूम्बर, रामगढ़, देवली उनियारा में बगावत सड़क पर आ गई है. वहीं दौसा में असंतोष के स्वर सुनाई दे रहे हैं.



झुंझुंनूं में 2023 चुनाव में उम्मीदवार रहे बबलू चौधरी, रामगढ़ से जय आहूजा ने बगावत की ताल ठोक रखी है. वहीं देवली उनियारा में 2023 में उम्मीदवार रहे विजय बैंसला के समर्थक विरोध कर रहे हैं. इधर सलूम्बर में विरोध करने वाले दावेदार नरेंद्र मीणा को कल पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी विशेष चार्टर से लेकर जयपुर आए थे. 



वहीं जय आहूजा को समझाने के लिए गृह राज्य मंत्री जवाहर बेढम, सहकारिता मंत्री गौतम दक, डिप्टी मेयर पुनीत कर्नावट गए हैं. सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत झुंझुनूं गए हैं. दौसा में सामान्य सीट पर जनजाति के प्रत्याशी को टिकट देने से सामान्य दावेदारों में असंतोष है, हालांकि यह असंतोष खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन दबी चिंगारी की तरह सुलग रहा है. 



मंत्री जवाहर बेढम व अन्य नेता जय आहूजा के गिले-शिकवे दूर करने में सफल रहे. जे आहूजा ने कहा कि वह पार्टी प्रत्याशी सुखवंत सिंह के समर्थन में प्रचार करेंगे.



इधर भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उपचुनाव में बगावत को लेकर कहा कि कहीं भी किसी तरह की बगावत नहीं है, कोई बागी नहीं है. हमारी पार्टी एकजुट रहेगी और संगठित होकर चुनाव लड़ेंगे. नेताओं में एक बार टिकट मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन दूसरे को टिकट मिलती है तो थोड़ी बहुत मन में कसक रहती है. सीएम और पीएम को मजबूत करने का ध्यान में आते ही पार्टी हित में सोचते हैं.  कांग्रेस नेताओं की टिप्पणी पर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस को भय है, उनके बयानों में कमजोरी दिखाई देती है. राठौड़ ने दावा किया, हम विकास के आधार पर चुनाव जीतेंगे.



इतना ही नहीं राठौड़ ने कहा कि एक जगह भी बगावत नहीं है. हमारी पार्टी एकजुट है संगठित होकर चुनाव लड़ेंगे. बबलू जी भी पार्टी के साथ हैं, पार्टी के साथ ही रहेंगे. जय आहूजा भी रहेंगे. विश्वास ही क्या... पक्का है पूरी तरह से सोच समझकर कह रहे हैं. पूरी जवाबदारी के साथ कह रहा हूं हम एकजुट हैं एकजुट रहेंगे.



खैर अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ का यह विश्वास कि कोई बागी नहीं है इसका असर भविष्य में दिखाई देगा या नहीं? मंत्रियों की समझाइश कितनी कारगर साबित होती है? बागी बैठते हैं या फिर प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव में जुटते हैं? यदि समर्थन में बैठ गए लेकिन मन से चुनाव में नहीं जुटे तो भी भाजपा को ही नुकसान हो सकता है.