Bassi : पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति की ओर से बस्सी के अणतपुरा पंचायत के पायाबाला बालाजी के पास किसान महापंचायत हुई. ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के मुद्दे पर आयोजित इस किसान महापंचायत में शामिल हुये मुख्य अतिथि रामनिवास मीणा जैसे ही पहुंचे तो जमकर बारिश शुरू हो गयी.


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बारिश से ना सिर्फ महापंचायत स्थल बल्कि बस्सी क्षेत्र पूरा तरबतर हो गया, बल्कि आस-पास के खेतों और तालाब-पोखरों में भी पानी भर गया. बारिश से खुश किसानों और ग्रामीणों ने कहा कि महापंचायत में  भागीरथ के रूप में रामनिवास मीणा का आगमन हुआ है, जिसके चलते जमकर बारिश हुई है.


इधर किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से क्षेत्र की पेयजल और सिंचाई की समस्या का पूरी तरह समाधान हो सकेगा. इसके लिए उत्तरी-पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को एकजुट होकर आगे आना चाहिए.


मीना ने  ईआरसीपी बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ये परियोजना 13 जिलों के किसानों और नागरिकों को नया जीवन देने के लिए तैयार की थी. इस परियोजना को पूर्व मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करौली जिले के हिण्डौन की सभा में राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया है.


मीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया की ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर 13 जिलों के लोगों को प्राण वायु देने का काम करना चाहिए. महापंचायत को किसान संघर्ष समिति से जुड़े रिटायर्ड आईएएस प्रभु दयाल मीणा ने संबोधित करते हुए कहा कि जमीन में पानी का स्तर लगातार कम होता जा रहा है, पानी और सिंचाई के अभाव में जनजीवन प्रभावित होने लगा है. ऐसे में केंद्र सरकार को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर आमजन की तकलीफ दूर करनी चाहिए.


महापंचायत को किसान संघर्ष समिति की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष प्रभावती मीणा ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए गांव-गांव और ढाणी ढाणी में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में महिलाओं को भी आगे आकर अपनी बड़ी भूमिका निभानी चाहिए. 


महापंचायत में शामिल हुए करौली जिले के सैकड़ों गुर्जर पटेल
किसान महापंचायत में करौली जिले के गुर्जर पटेल भी काफी संख्या में शामिल हुए. गुर्जर पटेलों ने कहा कि सरकार से वे अभी फिलहाल ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए निवेदन कर रहे हैं. जरूरत पड़ने पर वे किसी बड़े आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे. करौली जिले के कैमरी से आए जगदीश धाम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष लाखन सिंह गुर्जर, कैप्टन शीशराम, सूबेदार सुग्रीव सिंह, जितेंद्र गुर्जर, दांतकापुरा के राजेश गुर्जर, दयाराम गुर्जर, भागमल सिंह, शिवदयाल आदि ने  कहा कि चंबल के पानी पर उत्तरी- पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों का हक है, जिसे क्षेत्र के किसान हर हाल में लेकर रहेँगे।


किसान महापंचायत को पूर्व आईएएस बीपी मीना, उद्योगपति पृथ्वीराज मीणा, पूर्व आरएएस अधिकारी छुट्टन लाल मीणा, बस्सी विधानसभा चुनाव की पूर्व प्रत्याशी रहीं अवन्ती मीना, अनतपुरा सरपंच शिवचरण गुर्जर, रामकेश मीणा सावलियावाला, देवगांव के सरपंच रामजी लाल, निवाई के लोकेंद्र देवरी, जगदीश फौजी चौरवाड़ा, पूर्व आरएएस रामोतार हरडी,बिरचंद पटेल, लक्ष्मी नारायण पटेल, मुकेश लाल सोरमा, मूलचन्द मीना, गोविन्दा मीना, किसान संघर्ष समिति के करौली जिले से आए प्रदेश महामंत्री भरत सिंह डागुर, प्रदेश संयोजक अमर सिंह नीमरोठ, प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने भी संबोधित करते हुए किसानों को ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए एकजुट होने का आव्हान किया। संचालन रिटायर्ड प्रिंसिपल मूलचंद मीणा ने किया.


रिपोर्टर-अमित यादव


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