Mahashivaratri 2023 : शिव महापुराण में बताया गया है कि अमृत पाने के लिए देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया था. इस मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला और पूरे विश्व पर इसका बुरा असर दिखने लगा. ऐसे में  भोलेनाथ ने विष का सेवन कर लिया और नीलकंठ कहलाए.


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विषपान के बाद भोलेनाथ अचेत हो गये थे. तब मां आदिशक्ति ने भांग, धतूरा, बेलपत्र और कई जड़ी बूटियों से बनी औषधि भगवान शिव को दी. जिससे शिवजी ठीक हुए थे. तभी से भांग-धतूरा शिवजी को प्रिय मानकर उन्हे अर्पित किया जाता है.


लेकिन हमारे पुराणों में भी कहीं नहीं लिखा है कि हमें भी भांग खानी चाहिए. भांग का सिर्फ मस्तिष्क पर ही नहीं बल्कि आपके पूरे शरीर पर असर पड़ता है. कुछ समय के लिए भांग को खाकर आप खुश महसूस कर सकते हैं, लेकिन इसके साइड इफेक्ट कितने खतरनाक हो सकते हैं, ये हम आपको बताते हैं.


ये बात सही हैं की कई बीमारियों के लिए भांग और धतूरे का इस्तेमाल होता है. लेकिन ऐसा विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में और बहुत कम मात्रा में किया जाता है. शिवजी के प्रसाद का बहाना बनाकर भांग का नशा करना किसी भी सूरत में सही नहीं माना जा सकता है.


भांग पीने के बाद आपकी दिमागी क्षमता कम हो जाती है. जो लंबे समय तक बनी रहती है. भांग खाने के बाद लोगों के अजीबों-गरीब व्यवहार को आप देख ही चुके होगें. ये कुछ समय के लिए हो सकता है, लेकिन इसका असर दिमाग के एक भाग पर लंबे वक्त तक रहता है.


भांग का अति सेवन आपको डिप्रेशन और चिड़चिड़े स्वभाव वाला बना सकता है. भांग पीने के बाद कुछ समय तक आप अच्छा महसूस कर सकते हैं, लेकिन ये कुछ समय का मजा आपके दिमाग को कमजोर कर देता है. आपको सही गलत का अंदाजा तक नहीं रहता है.


भांग का अधिक मात्रा में सेवन पुरुषों में स्पर्म काउंट को कम करता है. यहीं नहीं अगर कोई गर्भवती महिला भांग लेती है तो आने वाले शिशु के दिमाग पर इसका सीधा असर हो सकता है.


भांग का हैंगओवर बेतहाशा सिरदर्द, घबराहट, उल्टी, या भी चिंता के रूप में सामने आता है. जो काफी दिनों तक रह सकता है. भांग खाने के बाद भूख पर नियंत्रण नहीं होता या तो आप ज्यादा खाना खा जाते हैं या फिर कुछ नहीं खाते, दोनों की सूरत में आप खुद का नुकसान करते हैं.