Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति को लेकर मेट्रो प्रशासन अलर्ट, पतंगबाजी से घायल पक्षियों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत
Makar Sankranti 2023: पतंग महोत्सव में पर्यटन विभाग की ओर से पतंगों और फैंसी पतंगबाजी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. मकर सक्रांति का पारंपरिक व्यंजन पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे...
Jaipur News: पिंकसिटी में इन दिनों पतंगबाजी अचानक बढ़ गई है. ऐसे में जयपुर मेट्रो के अफसरों की चिंता भी बढ़ गई है. ऐसे में मेट्रो प्रबंधन ने शहर के लोगों से अपील की है कि मेट्रो क्षेत्र में पतंगबाजी न करें. ऐसा करना पतंगबाजी करने वाले के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है. शहर में मेट्रो के मानसरोवर से बड़ी चौपड मार्ग तक ऐसा एरिया भी है, जहां पतंगबाजी 25000 वोल्ट का झटका दे सकती है. ऐसे में पतंगबाजी के दौरान थोड़ा सावधान रहें.
दरअसल जयपुर मेट्रो रूट पर बिजली के तार 30 मीटर तक ऊंचाई तक हैं. इसके बिजली के तारों में चौबीसों घंटे 25000 वोल्ट का करंट चालू रहता है. पतंग और मांझे मेट्रो की बिजली लाइन में उलझ जाने से मेट्रो का संचालन रूक जाता है. इसे देखते हुए जेएमआरसी ने पतंगबाजों के लिए अलर्ट जारी किया है. जेएमआरसी ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि जयपुर में मानसरोवर से चांदपोल तक ओवरहैड बिजली की लाइनें गुजर रही है, जिसमें 25 हजार वॉल्ट का करंट रहता है. इस लाइन के संपर्क में अगर कोई चाइनीज मांझा आता है तो उससे लाइनों में न केवल फॉल्ट होने का खतरा रहता है, बल्कि जो व्यक्ति मांझे को हाथ में पकड़े रहता है उसे भी करंट आने का खतरा रहता है.
जयपुर मेट्रो के ऑपरेशनल डायरेक्टर विवेक कुमार ने बताया कि पिछले साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले और उसके एक दिन बाद यानी कुल 3 दिन के अंदर 5 हजार से ज्यादा पतंगे मेट्रो की लाइनों पर अटक गई थी. इस कारण मेट्रो ट्रेन का संचालन भी थोड़ा प्रभावित हुआ था. वहीं इन पतंगों और मांझों को हटाने में मशक्कत करनी पड़ी थी. जयपुर के नागरिकों को मेट्रो रूट पर पतंगबाजी के कारण किसी भी दुर्घटना और अनहोनी का सामना नहीं करना पडे़. मेट्रो संचालन भी सुचारू रह सके इसके लिए प्रोएक्टिव कार्यवाही के तहत खास अभियान चलाया गया है. मेट्रो स्टाफ द्वारा मेट्रो रूट पर पड़ने वाले घरों के रहवासियों को केवल मेट्रो रेल मार्ग के ऊपर पतंगबाजी से परहेज करने के लिए अपील की जा रही हैं.
साथ ही 14 जनवरी को जयपुर के जलमहल की पाल पर पर्यटन विभाग की ओर से पतंग महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, कोरोना के तीन साल बाद पतंग महोत्सव होने से देशी-विदेशी पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. पतंग महोत्सव का लुप्त उठाने के लिए बडी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक काईट फेस्टिवल में शामिल होते हैं. पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटकों के मनोरंजन के लिए राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाती है. साथ ही पर्यटकों के लिए पतंग और मांजा की भी उपलब्ध कराया जाता है. पर्यटन विभाग की ओर से पतंगबाजी को लेकर प्रतियोगिता भी कराई जाती है. इस प्रतियोगिता में सबसे लंबी पतंग उडाने और पतंग काटने पर विभाग की ओर से सम्मानित भी किया जाता है.
इस पतंग महोत्सव में पर्यटन विभाग की ओर से पतंगों और फैंसी पतंगबाजी की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. मकर सक्रांति का पारंपरिक व्यंजन पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. राजस्थान में विभिन्न फेस्टिवल का आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च में विभिन्न पर्यटन फेस्टिवल आयोजित किए जा रहे हैं. इससे जयपुर सहित प्रदेश में पर्यटन उधोग को भी बढ़ावा मिलता है, क्योंकि प्रदेशभर में पर्यटन उधोग से जुडे लोगों की आर्थिक रूप से परिवार का पालन होता है.
आपको बता दें कि पतंगबाजी शुरू होने से मांझा और डोर आकाश में स्वच्छंद विचरण करने वाले पक्षियों के लिए मौत का कारण बन रहे हैं. इसे देखते हुए सुबह और शाम के वक्त पतंगबाजी भी रोक लगाई गई है. अब नगर निगम ग्रेटर प्रशासन ने भी मांझे-पतंग से घायल होने वाले पक्षियों के उपचार के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. पंतग और मांझे से घायल पक्षियों की सहायता-उपचार के लिए निगम ग्रेटर के हेल्पलाइन नम्बर- 0141-2742181 पर कॉल सकते हैं. महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया कि निगम मुख्यालय पर हेल्पलाइन आगामी चार दिन तक सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक संचालित रहेगी. इस हेल्पलाइन पर आमजन पंतगबाजी से घायल पक्षियों की सूचना दे सकेगा.
साथ ही पंतगबाजी में घायल पक्षियों की सहायता के लिए निगम के साथ विभिन्न स्वयं सहायता समूहों (एनजीओ) जुडे़ है, जो हेल्पलाइन पर घायल पक्षियों की सूचना आने पर संबंधी स्थान पर जाकर घायल पक्षियों का उपचार करेंगे. महापौर ने शहरवासियों अपील करते हुए कहा कि सुबह 6 से 8 बजे और सायं 5 से 7 बजे के बीच पंतग न उडाए साथ में चाइनीज मांझे से भी पंतगबाजी न करें. आयुक्त महेन्द्र सोनी ने बताया कि मकर संक्राति के पर्व पर बड़ी संख्या में पंतग उडाई जाती है, जिससे वह बेजुबान परिंदे मांझे से घायल हो जाते है. इनके उपचार के लिए ग्रेटर निगम ने हेल्पलाइन की शुरूआत की है, जिस पर आने वाले सूचना को निगम द्वारा इन एनजीओ की उपलब्घ करवाया जाएगा जो फील्ड में जाकर तुरंत इनका उपचार करेंगे. हेल्पलाइन नंबर पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद रहें.
Reporter: Deepak Goyal
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