Makar Sankranti 2023 : मकर संक्रांति इस साल 15 जनवरी यानि की आज मनायी जा रही है. इस दिन दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. इस दिन किया गया दान का फल दोगुना माना जाता है. वही इस दिन सूर्यदेव और शनिदेव की कथा को पढ़ने से शनि दोष में राहत मिलती है.


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मकर संक्रांति की कथा
सूर्य देव और शनिदेव में अच्छे संबंध नहीं थे. जिसकी वजह थी सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति व्यवहार. दरअसल, शनि देव का रंग काला होने की वजह से सूर्य देव ने उनके जन्म के दौरान कहा था कि ये पुत्र मेरा नहीं हो सकता और शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया. जिस घर में वो रहते थे उसका नाम कुंभ था.


सूर्यदेव के ऐसे व्यवहार से गुस्सा होकर  छाया ने उन्हें श्राप दे दिया था. माता छाया ने सूर्यदेव को कुष्ठ रोग का श्राप दिया. जिससे क्रोधित होकर सूर्यदेव ने छाया और शनिदेव का घर जलाकर राख कर दिया. सूर्यदेव के पुत्र यम ने सूर्य देव को उस श्राप से मुक्त कर दिया था. साथ ही उनके सामने मांग रखी थी की वो उनकी माता यानी छाया के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लेकर आएं.


जिसके बाद सूर्यदेव छाया और शनिदेव से मिलने उनके घर पर पहुंचे और जब सूर्यदेव वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा की वहां कुछ भी नहीं था सब कुछ जलकर बर्बाद हो चुका था. इसके बाद शनिदेव ने काले तिल से अपने पिता का स्वागत किया था. शनिदेव के ऐसे व्यवहार से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उस दिन उन्हें मकर नाम का नया घर दिया था.Surya Gochar 2023: मकर संक्रांति पर त्रिग्रही योग, कुछ राशियों को मिलेगी खुशखबरी कुछ की बढ़ेगी टेंशन


और ऐसे ही शनिदेव दो राशियों कुंभ और मकर के स्वामी हो गए. शनिदेव के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उन्हें ये भी कहा कि जब भी वो मकर संक्रांति के मौके पर उनके घर आएंगे तो उनका घर धन धान्य से भर जाएगा. उनके पास किसी भी वस्तु की कमी कभी नहीं रहेगी.


सूर्यदेव ने ये भी कहा कि इस दिन जो लोग भी मकर संक्रांति के मौके पर मुझे काले तिल आर्पित करेंगे. उनके जीवन में सुख समृद्धि आएगी.


बस तभी से मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का इस्तेमाल करने से घर में धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है. Makar Sankranti 2023 : राजस्थान का वो जिला जहां मकर संक्रांति पर पतंगबाज़ी नहीं होती