जयपुर के राजकुमार के लिए अर्जेंटीना से आई घोड़ी, खुद पद्मनाभ ने बताई ये खासियत
Jaipur News : इंडियन पोलो टीम के प्लेयर और जयपुर राजघराने से तालुक रखने वाले सवाई पद्मनाभ सिंह ने 6 दिसंबर से सूर्यनगरी जोधपुर शुरू हुए पोलो के 23वें सीजन में हिस्सा लिया.
Jaipur News : इंडियन पोलो टीम के प्लेयर और जयपुर राजघराने से तालुक रखने वाले सवाई पद्मनाभ सिंह ने 6 दिसंबर से सूर्यनगरी जोधपुर शुरू हुए पोलो के 23वें सीजन में हिस्सा लिया. जोधपुर पोलो के संरक्षक पूर्व नरेश गजसिंह ने इस इवेंट का आयोजन किया, लेकिन चर्चा पद्मनाभ की 'सालसा' की भी रही. सालसा पद्मनाभ की फेवरेट घोड़ी है.
दरअसल सालसा को अर्जेंटीना से खास मंगवाया गया है. अर्जेंटीना से इंग्लैंड के रास्ते होते हुए सालसा जोधपुर पहुंची. सालसा की उम्र महज 7-8 वर्ष है. लिहाजा ऐसे में सालसा लम्बी रेस की घोड़ी है. पद्मनाभ का कहना है कि सालसा पोलो बहुत अच्छा खेलती है. बता दें कि इंडियन पोलो टीम के कैप्टन रहे हैं और पोलो वर्ल्ड कप में पद्मनाभ सबसे यंगेस्ट पोलो प्लेयर रहें हैं. इतना ही नहीं उनके नाम कई रिकॉर्ड भी हैं. वे विंडसर में गार्डस पोलो क्लब के सदस्य भी हैं.
जयपुर राजघराने से सम्बन्ध रखने वाले पद्मनाभ लोक सभा सांसद और जयपुर की पूर्व राजकुमारी दीया कुमारी के बेटे हैं. जयपुर राजघराने का पोलो से पुराना संबंध रहा है. जयपुर के महाराजा रहे सवाई मान सिंह ने भी पोलो टीम बनाई थी और वो पोलो वर्ल्डकप खेलने 1957 में फ्रांस गए थे, जिसे भारत ने अपने नाम किया था.
12 जुलाई 1998 को जन्मे पद्मनाभ सिंह जब महज 18 साल के थे तो उनका चयन पोलो टीम में हुआ था. वर्ल्ड कप मैच में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वह सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे. पद्मनाभ सिंह जयपुर की पोलो परंपरा को न केवल बनाए रखे हैं बल्कि इसे आगे ले जा रहे हैं.
फोर्ब्स में भी पद्मनाभ सिंह ने अपनी जगह बनाई है. इसके साथ ही पद्मनाभ सिंह ने अपने आप को एक फैशन आइकॉन के रूप में भी स्टैब्लिश किया है. उन्हें पोलो के अलावा महंगी गाड़ियों का भी शौक है. पद्मनाभ ने अजमेर के मेयो कॉलेज से हाईस्कूल की पढाई की है और हायर एजुकेशन इंग्लैंड के मिलफिएल्ड स्कूल से की. साथ ही उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लिबरल आट्र्स की पढ़ाई की है.
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