Mokshada Ekadashi 2022:  महाभारत में जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. उस दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी. इसलिए इस दिन को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी संयुक्त रुप से होने के चलते इस व्रत का महत्व बढ़ जाता है. कहा जाता है कि विष्णु भगवान को गुंजाफल आर्पित करने से आपकी सारी मनोकामना पूरी हो जाएगी. 


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मोक्षदा एकादशी 2022 शुभ योग


मोक्षदा एकादशी के दिन रवि योग बन रहा है. इस संयोग पर सूर्य देव और विष्णु जी की असीम कृपा पाने के लिए शुभ मुहूर्त में पूजन करें ताकि आपके सारे काम बिना किसी रुकावट के हो जाएगें.


रवि योग - 3 दिसंबर 2022
सुबह 07:04 - 4 दिसंबर 2022
सुबह 06:16 मोक्षदा एकादशी व्रत और पूजा के नियम



इस दिन के व्रत में भगवान कृष्ण की पूजा करें.


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि के दिन सुबह स्नान करके व्रत का पालन करते हुए भगवान कृष्ण की फूलों से पूजा करें. गरीबों को भोजन खिलाएं. पूजा में भगवान कृष्ण के साथ तुलसी पूजन जरूर करें. इसे बेहद शुभ माना जाता है. पूजन के समय अगर आप पांच गुंजाफल भगवान विष्णु को अर्पित करें तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होंगी. मान्यता है कि ये फूल भगवान विष्णु को बेहत प्रिय हैं. एकादशी पर इन फूलों को अर्पित कर अपने धन के स्थान पर रख दें ऐसा करने पर आपकी तरक्की के सारे रास्ते खुल जाएंगे और घर में मां लक्ष्मी का वास होगा.


(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, zeemedia इसकी पुष्टि नहीं करता)


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