Jaipur news: श्री गलता पीठ में सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव में तीसरे दिन हुआ मूलमंत्र हवन, दिव्य तिरूमंजन,51 रजत कलशों से विशेष अभिषेक किया गया.पंचविंशति कलशों से विशेष अभिषेक किया गया.


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पंचसूक्त से हवन की पूर्णाहुति 
उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ श्री गलता जी में गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में मनाए जा रहा है. ब्रह्मोत्सव के तीसरे दिन विभिन्न दिव्य आयोजन हुए. श्री गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया सुबह शांति पाठ,चतुर्वेद पाठ के बाद चतुःस्थान अर्चन, संक्षेप रामायण के साथ हवन किया गया. इसके साथ पंचसूक्त से हवन की पूर्णाहुति की गई.


51 रजत कलशों से विशेष अभिषेक
 वहीं भगवान का दिव्य तिरूमंजन एकोन पंचाशत ( 51) कलशों, सहस्रधारा, पंचामृत, मेवों, हरिद्राचूर्ण आदि से से के साथ वैदिक मंत्रोच्चार विधि के साथ किया गया. ब्रह्मोत्सव में भगवान का विवाह श्रीदेवी और भूदेवी के साथ होता है. भगवान अम्मा जी अलग अलग पालकियों में विराजमान होते हैं, विभिन्न चालों सर्प, गज, सिंह से मालपलटन किया जाता है.  


कल्याणोत्सव किसे कहते हैं 
जिसमें भगवान की माला अम्मा जी धारण कराई जाती और अम्मा जी की माला भगवान को धारण कराई जाती है. इस उत्सव के दर्शन मात्र से जीव का कल्याण होता है, इसीलिए इसे कल्याणोत्सव कहते हैं.  ब्रह्मोत्सव के अखरी दिन  विशेष अभिषेक किया गया. साथ ही हवन कर भगवान पंचविंशति कलशों से विशेष अभिषेक किया गया. साथ ही यह भी कहा जाता है की गरुड़ पोंगल से  बने लड्डुओं का प्रसाद ग्रहण करने वालों के मनोकामना पूर्ण होती हैं, और तो और  संतान, विवाह आदि की कामना पूर्ण होती है.


सात दिवसीय ब्रह्मोत्सव  में भक्तों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम व स्थानीय निवासी सहित स्वयं सेवकों द्वारा  श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष सेवाएं दी जायेंगी. 


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