Navratri 2022 : महाअष्टमी पर आज विशेष योग मिलेगा दोगुना फल, जानें मां दुर्गा और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और चमत्कारी उपाय
Navratri 2022 : नवरात्रि पर महाअष्टमी का दिन खास महत्व रखता है, आज के दिन महास्नान के बाद मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है. इस दिन मिट्टी के नौ कलश रखकर देवी दुर्गा के रूपों का आह्वान होता है.
Navratri 2022 Ashtami Puja Date and Time : शारदीय नवरात्रि की अष्टमी आज मनाई जा रही है. महाअष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाने जाने वाले आज के दिन मां महागौरी के पूजन से हर पाप कर्म से छुटकारा मिलता है. इस बार महाअष्टमी पर बने शुभ योग से आज की पूजा का फल दोगुना हो जाता है.
वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग गौर है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं है कि देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया. महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण लिए हैं. मां की दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली मां बताया गया है.
नवरात्रि महा अष्टमी तिथि शुरू- 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
अष्टमी तिथि समाप्त - 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37
सन्धि पूजा मुहूर्त - शाम 04:13 - शाम 05:01
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 04.43
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.52 - दोपहर 12.39
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05.59 - शाम 06.23
अमृत काल - शाम 07.54 - रात 09.25
शोभन योग - 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 - 03 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22
पूजा विधि
महा अष्टमी पर घी के दीपक से मां महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित कर, लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर चढ़ाए. नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें.
बीज मंत्र - श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
प्रार्थना मंत्र - श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
आज के दिन तुलसी या लाल चंदन की माला से मां महागौरी के बीज मंत्र का 1100 बार जाप करें इससे समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
कन्या पूजन
देवी पुराण में अष्टमी या नवमी वाले दिन कन्या पूजन (कंजक पूजन) करने से देवी मां बेहद प्रसन्न होती हैं. आज अष्टमी या कल यानी नवमी तिथि पर 9 कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व होता है. पुराणों के मुताबिक कन्या पूजन के लिए 3 से 9 वर्ष तक की कन्याओं को ही आमंत्रित करना चाहिए.
शास्त्रों के मुताबिक 3 साल की कन्या को भोजन करवाने से त्रिदेवी यानी लक्ष्मी, सरस्वती और काली की पूजा का फल मिलता है. इससे तीनों देवियां प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं.
4 साल की कन्या का पूजन करने और उन्हें भोजन करवाने से माता सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, इस उम्र की कन्या को कल्याणी देवी मानते हैं.
5 साल की कन्या को देवी रोहिणी के नाम से जाना जाता है. इस उम्र की कन्या का पूजन सेहत के हिसाब से शुभ फलदायी माना जाता है. 5 साल की कन्या के को भोजन करवाने से आरोग्य सुख की प्राप्ति होती है.
6 साल की कन्या को कालिका देवी के रूप में जाना जाता है. उन्हें भोजन कराने से माता ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं.
7 साल की कन्या के पूजन से चण्डिका देवी प्रसन्न होती हैं. उनके पूजन से धन धान्य में वृद्धि होती है.
8 साल की कन्या देवी शांभवी रूप में होती हैं. इस उम्र की कन्या पूजन से प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है.
9 साल की कन्या को दुर्गा रूप में माना जाता है. इस उम्र की कन्याओं को भोजन करवाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.
आज कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
अष्टमी यानी आज अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.04 से 12.51 तक
विजय मुहूर्त में दोपहर 2.27 से 3.14 तक
गोधूलि मुहूर्त में 6.13 से 6.37
कल नवमी के दिन कन्या पूजन
सुबह 10.41 से 12 .10 मिनट
अमृत मुहूर्त दोपहर 12.10 से बजकर 1.38 मिनट तक रहेगा.
( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. zee मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता)