New Excise Policy : प्रदेश में करीब 7600 मदिरा दुकानों की ऑनलाइन नीलामी होगी या फिर से पुराना लॉटरी सिस्टम शुरू होगा. इसे लेकर विभिन्न मदिरा ठेकेदार संगठनों और आबकारी अफसरों के बीच चर्चा शुरू हो गई हैं. दरअसल, प्रदेश की इन मदिरा दुकानों के 1 अप्रैल से संचालन के लिए इस बार नई आबकारी नीति लाई जाएगी. इससे पहले आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 202223 में 2 वर्ष की अवधि के लिए लाई गई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिसंबर माह के दौरान शुरू की थी तैयारियां


 पिछले वर्ष पुरानी दुकानों का ही नवीनीकरण किया गया था. नई पॉलिसी जारी करने को लेकर आबकारी विभाग ने दिसंबर माह के दौरान ही तैयारियां शुरू कर दी थी. सबसे पहले जयपुर जोन के अधीन सभी जिला आबकारी अधिकारियों से सुझाव मांगे गए थे. इसके बाद 3 से 5 जनवरी तक अन्य 6 जोन के जिला आबकारी अधिकारियों से बैठक कर सुझाव लिए गए थे. विभागीय अधिकारियों से वार्ता के साथ ही आबकारी विभाग ने शराब विक्रेता संगठनों के पदाधिकारियों से भी सुझाव प्राप्त किए हैं. माना यह जा रहा है कि नई आबकारी नीति संभवतया जनवरी माह के अंतिम दिनों में ही घोषित कर दी जाएगी. हालांकि लॉटरी सिस्टम लागू होने की संभावना काफी कम है, इसके बजाय मौजूदा तर्ज पर ही शराब दुकानों का ईऑक्शन किया जाएगा.


आबकारी नीति को लेकर कैसेकैसे सुझाव ?


वर्ष 202021 या इसे पहले की तरह समूह के रूप में पुनर्गठन करें


अंग्रेजी शराबबीयर और देशी मदिरा की अलगअलग दुकान हों


202122 में बड़े समूहों के टुकड़े करने से 12 दुकानें उठ जाती, बाकी रहती पड़त


ईऑक्शन में एक व्यक्ति को दूसरी बोली लगाने में 5 मिनट का गैप रखें


दुकानों के खुलने का समय शाम 8 बजे से बढ़ाकर रात 10 बजे तक किया जाए


एक्साइज ड्यूटी व अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया जाना चाहिए


जिससे शराब की मांग कम हो, भराव ज्यादा मिल सके, गारंटी पूरी हो सकेगी


नजदीकी राज्यों में BIO की दरें अपेक्षाकृत कम, यहां भी कमी की जाए


देशी मदिरा व RML में जो राइडर लगे हुए, उन्हें समाप्त किया जाए


15 से 20 साल पुराने कार्यरत आबकारी अधिकारियों से सुझाव लें


विभाग से बाहर से आए अधिकारियों को नीति से दूर रखा जाना चाहिए


8 जिलों में लगे RAS अधिकारियों को विभागीय दायित्व नहीं देने चाहिए


इन्हें पुरानी बकाया वसूली, न्यायिक प्रकरण निस्तारण में लगाएं


अतिरिक्त आबकारी आयुक्त जोन के सभी पदों पर विभागीय अफसर लगाएं


राज्य में बीयर व कई ब्रांड की शराब नहीं मिलती, उनकी पर्याप्त उपलब्धता रखें


आबकारी विभाग को यह भी सुझाव मिले हैं कि सभी जिलों का उनके जनसंख्या के अनुपात में एकांकी विशेषाधिकार राशि का पुन: निर्धारण किया जाना चाहिए. कुछ जिलों में यह राशि आनुपातिक रूप से ज्यादा है, जबकि कुछ में बहुत कम है. देशी मदिरा की दर 230 रुपए और आरएमएल की दर 250 रुपए प्रति एलपीएल की जानी चाहिए, जिससे मदिरा की मात्रा कम होगी और मद्य संयम की पालना करने में मदद मिलेगी.


 वित्त वर्ष 2021-22 में 1 हजार करोड़ से अधिक राशि बकाया रही है, इसे देखते हुए आबकारी अफसरों ने धरोहर राशि को 5 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने और एडवांस ईपीए को 5 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किए जाने की मांग की है. इसका समायोजन जनवरी से मार्च तक की मदिरा गारंटी के पेटे किए जाने की मांग की गई है. आबकारी अफसरों ने देशी शराब और आरएमएल की मात्रा में 30 प्रतिशत तक कटौती करने के लिए सुझाव दिए हैं.


 राइडर के चलते मदिरा ठेकेदारों के लिए दुकानें संचालित कर पाना कठिन हो रहा है. प्रथम त्रैमास में मदिरा की पूर्ति 25 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई है. कुल मिलाकर आबकारी अफसरों और मदिरा ठेकेदारों ने अपने सुझाव दे दिए हैं. अब विभागीय उच्चाधिकारी और वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा नीति का ड्राफ्ट बनाया जाएगा, जिस पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगाएंगे.