Old Pension Scheme In Rajasthan : राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है, जिसके बाद पंजाब, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इसे लागू भी किया जा चुका है. लेकिन अब मामला पेचीदा होता दिख रहा है. दरअसल नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कुछ राज्यों की तरफ से इस स्कीम को फिर से शुरू करने पर चिंता जताई है.


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जिसके बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया जाएगा. क्योंकि अगर केंद्र सरकार ही पैसा नहीं देगी तो राज्य पैसा देंगे कहां से ? नीति आयोग के मुताबिक ये ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से टैक्सपेयर्स पर बोझ पड़ेगा.


मार्च 2022 में सीएम अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान सात लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीन को बहाल करने की बात कही थी. इसके बाद पंजाब, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकान ने भी ये स्कीम लागू करने की घोषणा कर दी. नीति आयोग की तरफ से बयान तब आया है जब राहुल गांधी 4 दिंसबर को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के साथ एंट्री लेने वाले हैं. 


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जानकारी के मुताबिक राजस्थान में अगर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाता है तो सालाना 41 हजार करोड़ का वित्तीय बोझ बढ़ेगा. पहले ही जब स्कीम को लागू करने की घोषणा गहलोत सरकार ने की थी तो वित्त मंत्रालय के तरफ से इसे वित्तीय अनुशासनहीनता करार दिया गया था.


उम्मीद है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ये मुद्दा उठेगा और मुख्यमंत्री के तरफ से इस पर स्थिति साफ की जाएगी. क्योंकि ये ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू रखने की मांग लंबे वक्त से की जा रही थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट भाषण के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली थी.  


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