Dausa: श्रावण माह के प्रारंभ होते ही देवनगरी दौसा ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivay) की गूंज से गुंजायमान हो गई. देवनगरी दौसा में प्राचीन काल के पांच बड़े शिव मंदिर हैं सोमनाथ, सेजनाथ, बैजनाथ, गुप्तनाथ और देव गिरी पर्वत पर विराजमान है साक्षात नीलकंठ महादेव.


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भगवान भोले की पूजा को लेकर मान्यता है इन पांचों शिव मंदिरों में, जो भी सच्चे मन से श्रद्धा से भाव से पूजा-अर्चना करता है. उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. पांचों शिव मंदिर स्वयंभू माने जाते हैं, जिसके चलते इनकी महत्ता और अधिक बढ़ जाती है.


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श्रावण माह में इन मंदिरों में तड़के सवेरे से ही शिव भक्तों द्वारा पूजा का दौर शुरू कर दिया जाता है, जो देर रात तक जारी रहता है. दौसा जिला मुख्यालय पर स्थित है. इन पांचों प्राचीन शिव मंदिरों में दूर-दराज से भी लोग श्रावण माह में पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं. भगवान शिव की पूजा के लिए श्रावण माह का विशेष महत्व माना जाता है आध्यात्मिक दृष्टि से मान्यता है जो भी श्रावण माह में मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है. उसकी मनोकामना निश्चित पूरी होती है. 


यही वजह है शिव भक्त पूरे एक महीने तक श्रावण माह में शिव भक्ति में डूबे रहते हैं. श्रावण माह में बहुत से शिव भक्ति एक समय खाना खाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं तो वहीं, ऐसे भी शिव भक्त होते हैं, जो पूरे एक महीने तक केवल फलाहार का ही सेवन करते हैं और पूजा-अर्चना कर भगवान शिव को रिझाने में लगे रहते हैं.


Reporter- LAXMI AVATAR SHARMA