Jaipur: कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) इस समय पूरे विश्व को डरा रहा है. साथ ही राजस्थान में भी अब नए वेरिएंट के मरीजों के आने से चिंता बढ़ने लगी है लेकिन इस खतरे के बीच स्कूली बच्चों की पढ़ाई बिना प्रभावित हुए उनको कैसे बचाया जाए, इसको लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. पिछले दिनों स्कूली बच्चों को कोरोना संक्रमित (Corona Positive) पाए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने ऑफलाइन पढ़ाई के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई (Online study) को भी अनिवार्य कर दिया है. साथ ही शिक्षा अधिकारियों को समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर गाइड लाइन की सख्ती से पालना के निर्देश भी दिए जा चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ओमिक्रॉन के असर की बात की जाए तो विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों पर इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है. जिसकी वजह है अभी तक बच्चों का वैक्सीनेशन (Vaccination) शुरू नहीं होना, पिछले दिनों राजस्थान (Rajasthan News) में एक साथ 9 ओमिक्रॉन के मामले आने से अभिभावकों की चिंता भी बढ़ी. जिसके बाद अब बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए अभिभावकों ने स्कूलों को बंद करने की मांग तेज कर दी है.


यह भी पढ़ें- Rajasthan Weather Update: प्रदेश में फिर मौसम का बदलाव, इन जिलों में दर्ज की गई तापमान में गिरावट


15 नवम्बर से 100 फीसदी क्षमता के साथ प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला लिया, जिसके बाद देखने को मिला की स्कूली बच्चों के संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद पिछले सप्ताह ही सरकार की ओर से जारी नई गाइड लाइन में स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई भी अनिवार्य की.


यह भी पढ़ें- रामलाल शर्मा का कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप, कहा- प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में घुस भी नहीं पाएंगे


शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि भारत सरकार को सबसे पहले बच्चों को टीके लगाने चाहिए थे, लेकिन अभी देर नहीं हुई है. बच्चों को टीकाकरण का काम जल्द शुरू करना चाहिए. स्कूलों में हमने ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है. सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं हो रहा है और स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल (Corona protocol) की पालना करवाई जा रही है, अगर किसी स्कूल में कोई बच्चा संक्रमित आता है तो स्कूल में बनी कमेटी स्कूल को तय समय तक बंद करने का फैसला भी ले सकती है. साथ ही अगर किसी स्कूल द्वारा मनमर्जी करते हुए बच्चों को स्कूल बुलाने पर दवाब बनाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.