निर्जला एकादशी पर चाकसू के युवाओं की शरबत सेवा ने जीत दिल, लोगों ने की सराहना
चाकसू के सेवाभावी नवयुवकों की टोली ने निर्जला एकादशी पर यहां कोटखावदा चौराहे पर ठंडे मिल्क रोज शरबत की सेवा में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आने दी.
Chaksu: जयपुर जिले के चाकसू के सेवाभावी नवयुवकों की टोली ने निर्जला एकादशी पर यहां कोटखावदा चौराहे पर ठंडे मिल्क रोज शरबत की सेवा में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आने दी. सेवार्थ फाउंडेशन चाकसू द्वारा की पूर्व घोषणा के अनुसार जनसहयोग से प्राप्त लगभग 3000 किलो दूध, आठ बोरी (16 बैग) चीनी और लगभग 25 सिल्ली बर्फ का उपयोग करते हुए मिल्क रोज शर्बत की लगभग तीस टंकियां तैयार करते हुए शनिवार को 11 बजे से वितरण करना आरंभ कर दिया.
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लगभग एक सो की संख्या में लगे इन कार सेवकों ने आने जाने वाले सभी वाहनों को आग्रह पूर्वक रोकते हुए सभी यात्रियों और सवारियों को मनुहार करते हुए मिल्क रोज पिलाने की सेवा सायंकाल चार बजे तक रखी. शरबत के बाद नींबू पाउडर से निर्मित ठंडा और स्वादिष्ट नींबू की शिकंजी पिलाने का कार्यक्रम आरंभ किया तो सायंकाल के सात बज गए. नींबू पावडर का एक सेवा भावी भामाशाह ने (50 किलो का बैग कीमत 12000 रुपया) सहयोग किया था.
शरबत फाउंडेशन चाकसू के बैनर तले आयोजित इस पुंय कार्य की व्यवस्था बहुत व्यवस्थित और साफ-सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए कस्बे के ही कुछ अनुभवी और सेवाभावी सीनियर सिटीजंस की देखरेख में किया गया. लगभग 10 घंटों तक चलाए गए मिल्क रोज शर्बत और नींबू की सिकंजी वितरण कार्यक्रम में एक भी गिलास सड़क या नाली में नजर नहीं आया, स्वयं सेवक बड़े बोरे और बैग लेकर वितरकों के साथ ही चलते रहे और शर्बत पीने के बाद खाली गिलास संगृहित करते रहे.
वितरकों की स्वयं की साफ-सफाई और सेवा भावना का विशेष ध्यान रखा गया. निर्जला एकादशी पर आयोजित इस विशाल मिल्क रोज शर्बत और नींबू पानी पिलाने के कार्यक्रम में सहयोगी भामाशाहों, सहयोगी सीनियर सिटीजंस और निस्वार्थ भाव से सेवा दे रहे स्वयं सेवकों की सभी जगह आम जनता द्वारा सराहना की जा रही है. वहीं सेवार्थ फाउंडेशन चाकसू के कार्यकर्ताओं ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है.
उल्लेखनीय है कि इस व्यवस्था में आयोजकों ने स्वच्छता अभियान मिशन और पर्यावरणीय सुरक्षा के द्वारा जारी गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखते हुए मिल्क रोज शर्बत पिलाने के लिए प्लास्टिक के गिलास काम में न लेकर कागज से निर्मित ग्लास का उपयोग किया और आस-पास एक भी गिलास नहीं डालने दिया. कचरा संकलन का कार्य स्वयंसेवकों द्वारा हाथों-हाथ किया किया. विशेष रूप से स्वच्छता और पर्यावरण का ध्यान देने के लिए सभी लोगों ने आयोजकों की सराहना की.
Reporter: Amit Yadav