राज्य में तम्बाकू बैन करने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब
गेट्स और एनफएचएस के सर्वे व अध्ययन के अनुसार राज्य में बीड़ी पीने वाला व्यक्ति प्रतिमाह 423 रुपए खर्च करता है अर्थात राज्य में प्रतिमाह 234 करोड़ रुपए बीड़ी पीने पर खर्च होते हैं.
Jaipur: तंबाकू निषेध दिवस आज है. राज्य में तम्बाकू बैन करने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी मीणा ने कहा कि ये फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार को है, मैं इस पक्ष में पूरी तरह हूं. उन्होंने कहा कि 96 प्रतिशत लोगों में जागरूकता के बाद भी 1 करोड़ 21 लाख लोग राज्य में तम्बाकू का उपभोग करते हैं. इस पर प्रतिवर्ष 25 हजार करोड़ खर्च करते हैं.
आज तंबाकू निषेध दिवस है. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया.जिसमें लोगों को जागरूक करने के लिए तंबाकू सेवन ना करने की शपथ दिलाई गई लेकिन सवाल ये है कि आखिर जब तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के आंकड़े इतने भयावह हैं तो राज्य में इसे बैन क्यों नहीं कर दिया जाता जबकि राजस्व से ज्यादा खर्च सरकार का इलाज में हो जाता है.
राज्य में तम्बाकू बैन करने के सवाल पर बोले स्वास्थ्य मंत्री परसादी मीणा ने कहा कि ये फैसला लेने का अधिकार राज्य सरकार को, मैं इस पक्ष में पूरी तरह हूं. गुजरात में भी शराब बैन की गई. यहां भी तम्बाकू बैन किया जा सकता है.
बोले सामाजिक बुराइयां होंगी कम तो राज्य में अपराध होंगे कम
आंकड़े बताते है कि राजस्थान के 96.3 प्रतिशत पुरुषों व 95 प्रतिशत महिलाओं को चबाने वाले तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी है. वहीं 94.8 प्रतिशत पुरुषों व 94.4 प्रतिशत महिलाओं को धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों का पता है. मगर फिर भी राज्य में एक करोड़ बीस लाख लोग तम्बाकू उत्पादों का उपभोग करते हैं. जिसमें से 68 लाख लोग चबाने वाले तम्बाकू का उपभोग करते हैं वहीं 55 लाख लोग बीड़ी व 13 लाख लोग सिगरेट पीते हैं. राजस्थान में वर्तमान में घर पर ही 95 लाख महिलायें व 91 लाख पुरुष सेकंड हैन्ड स्मोकिंग के शिकार होते हैं. ग्रामीण स्तर पर सेकंड हैन्ड स्मोकिंग का शिकार होने वालों की संख्या अधिकतम हैं जिसमें महिलायें, बूढ़े और बच्चे हैं वहीं शहरी क्षेत्र की कच्ची बस्तीयों में सेकंड हैन्ड स्मोकिंग के शिकार अधिक होते हैं.
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गेट्स और एनफएचएस के सर्वे व अध्ययन के अनुसार राज्य में बीड़ी पीने वाला व्यक्ति प्रतिमाह 423 रुपए खर्च करता है अर्थात राज्य में प्रतिमाह 234 करोड़ रुपए बीड़ी पीने पर खर्च होते हैं. वहीं 112 करोड़ रुपए सिगरेट पर खर्च होते हैं. चौधरी द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार प्रतिवर्ष करीब पच्चीस हजार करोड़ का तम्बाकू उपभोग राज्य में किया जाता है.
राज्य के करीब 1 करोड़ 21 लाख तम्बाकू उपभोगकर्ता प्रतिदिन 61 करोड़, प्रतिमाह 1820 करोड़ खर्च करते हैं. तम्बाकू उत्पादों से प्रदेश में प्रतिवर्ष 88000 मौतें होती हैं अर्थात प्रतिदिन 240 लोग तम्बाकू जनित बीमारियों से मरते हैं. राज्य सरकार के चलाए जा रहे तम्बाकू मुक्त राजस्थान अभियान कि सफलता तभी होगी जब नये तम्बाकू उपभोगकर्ताओं में कमी आये. राज्य में हर रोज 350 युवा तम्बाकू का उपभोग शुरू करते हैं.