Jaipur: पिछले कई महीनों से सरपंचों (Sarpanch Protest) द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन सरकार और सरपंच संघ के बीच वार्ता के बाद शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया है. 


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सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गड़वाल (Banshidhar Garhwal), प्रदेश प्रवक्ता रफीक पठान, जयराम पलसानिया (Jairam Palsaniya) ने बताया कि सरपंच संघ के पदाधिकारियों, राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनी. 


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  • मनरेगा, अन्य विकास कार्यों के टेंडर पूर्व में जो पंचायत समिति स्तर पर निष्पादित होते थे, अब यह ग्राम पंचायत स्तर पर निष्पादित होंगे और इनका अनुमोदन पंचायत समिति के विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा.

  • ग्राम पंचायतों में विविध ऑनलाइन कार्यों के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर मय कंप्यूटर प्रदान किया जाएगा. 

  • आबादी भूमि के विक्रय विलेख के लिए हस्तांतरण, नामांतरण,  रूपांतरण, बंटवारा के लिए प्रक्रिया जारी कर दी गई है.


पॉवर ऑफ शेड्यूल में संशोधन
पॉवर ऑफ शेड्यूल (Power of schedule) में संशोधन अब ग्राम पंचायतें 5 लाख के स्थान पर 10 लाख  रुपये की प्रशासनिक, वित्तीय स्वीकृति जारी कर सकेगी. ग्राम पंचायतों को सीमित निविदा (तीन कोटेशन) से पूर्व में प्रदान किए गए 5 लाख का एक काम एवं वर्ष में 50 लाख के काम/सामग्री के स्थान पर 6 लाख व 70 लाख की पत्रावली वित्त विभाग से अनुमोदित हो गई. शीघ्र अधिसूचना जारी होगी.


ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष सरपंच होगा
पूर्व में कुछ पंचायत समितियों में तीन कोटेशन से पूरा काम (श्रम सामग्री सहित) ठेके पर नहीं देने दिया जा रहा था. अब नरेगा के अतिरिक्त मस्टरोल की आवश्यकता नहीं होगी और चाहे तो मस्टरोल पर भी करवा सकते हैं. ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप का अध्यक्ष पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के स्थान को सरपंच ग्राम पंचायत होगा. भविष्य में भी ग्राम पंचायत स्तरीय प्रत्येक समिति का अध्यक्ष निर्वाचित सरपंच ही होगा, इसकी सिद्धांत सहमति भी हुई है.


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खाद्य सुरक्षा पोर्टल दोबारा खोला जाएगा
वहीं, खाद्य सुरक्षा पोर्टल दोबारा खुलवाने के लिए पंचायत राज विभाग द्वारा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को पत्र लिख दिया गया है. पेंशन बढ़ाने के लिए सामाजिक न्याय विभाग के पास फाइल भिजवा दी गई है. इसके शीघ्र मंजूर होने का आश्वासन दिया गया है.


प्रधानमंत्री आवास योजना में कटे हुए नामों को दोबारा जोड़ा जाएगा
प्रधानमंत्री आवास योजना में कटे हुए नामों को दोबारा जोड़ने के लिए भारत सरकार (Government of India) को पत्र लिख कर नाम जोड़ने की मांग की गई है. जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को चालू करने के लिए जो मांग रखी गई है, वह पूरी नहीं हो जाती तब तक इसका अनुमोदन ग्राम सभा में नहीं किया जाएगा. जनता जल योजना में बजट के लिए जलदाय विभाग को पत्र प्रेषित कर दिया गया है. प्रशासन गांव के संग शिविर में खर्च की सीमा 50000 से बढ़ाकर एक लाख कर दी गई है.


पूर्व की भांति ₹100 के स्टांप पर सहमति लेकर कार्य किया जा सकेगा
आबादी भूमि के लिए पटवारियों द्वारा सीमांकन किया जाएगा ताकि पट्टे जारी करते समय सावधानी बरती जा सके. सरपंचों और अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ की जाने वाली शिकायतों में अब ₹50 का शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. ग्राम पंचायतों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए लोक कलाकारों, अखबार और टीवी चैनलों के लिए सजावटी विज्ञापन देने के लिए आदेश जारी करने की अनुशंसा कर दी गई है. निजी खातेदारी की भूमि पर जो कॉलोनी या ढाणी या बस चुकी है, उस पर पक्की सड़क निर्माण के लिए पूर्व की भांति ₹100 के स्टांप पर सहमति लेकर कार्य किया जा सकेगा. प्रचलित कदीमी रास्तों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए राजस्व विभाग को पत्र लिख दिया गया. सरपंचों वार्ड पंचों के साथ-साथ पंचायत राज के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए फाइल मुख्यमंत्री के पास भिजवा दी गई है.